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बहादुर मोती कुत्ते ने कैसे जंगली सूअर से नंदिनी गाय की जान बचाई | स्वामीभक्त बहादुर मोती Best Hindi Stories

बहादुर मोती की कहानी



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गंगापुर में सेवकराम नाम का एक किसान रहता था । पत्नी सावित्री एवं दो बच्चों मनोहर एवं विमला के साथ वह सुखपूर्वक अपना जीवन व्यतीत कर रहा था । पांच बीघा खेत का स्वामी था सेवकराम । दोनों पति - पत्नी मेहनती एवं धार्मिक प्रवृत्ति के थे । 



एक ओर जहां सेवकराम दिन रात मेहनत कर तरह - तरह की सब्जियों की खेती करता सावित्री घर संभालने के साथ - साथ बच्चों का लालन - पालन कुशलतापूर्वक करती । सेवकराम के खेत जंगल की सीमा पर थे । एक दिन सेवकराम अपने खेतों में हल जोत रहा था । दोपहर का समय था । 



उसने बैलों को एक वृक्ष के सहारे बांध दिया और वहीं भोजन की पोटली निकाल कर खाना खाने के लिए वृक्ष की छांव में बैठ गया। उसी समय जंगल की ओर से काले रंग का एक प्यारा - सा कुत्ता उसके पास आकर खड़ा हो गया । कुत्ता भूखा था । वह ललचाई नजरों से सेवकराम की ओर ताक रहा था ।  



सेवकराम को कुत्ते पर तरस आया और उसे कुत्ता पसंद भी बहुत आया । अतः उसने अपना आधा भोजन कुत्ते को ही खिला दिया और पुचकार कर उसके सिर पर हाथ फेरा । कुत्ता दुम हिलाकर सेवकराम की दोस्ती का प्रस्ताव स्वीकार कर रहा था । वह तब तक वहीं बैठा रहा , जब तक सेवकराम हल जोतता रहा । 



शाम को जब सेवकराम अपने बैलों के साथ घर लौटने लगा तो कुत्ता भी उसके पीछे - पीछे चल दिया । घर पहुंच कर जब सेवकराम ने बैलों को पशुशाला में बांधकर अपने बच्चों को आवाज लगाई तो मनोहर और विमला ने देखा कि उनके बाबूजी उनके लिए एक प्यारा - सा कुत्ता लाए हैं । 



दोनों बच्चे बहुत खुश हुए । उन्होंने एक रस्सी उसे बांधकर घर के आंगन के एक कोने में उसके रहने की व्यवस्था कर दी । विमला ने एक कटोरे में दूध भात लाकर उसे खाने को दिया । मनोहर ने कुत्ते का प्यारा - सा नाम रखा मोती । अब मोती उसके परिवार का एक सदस्य बन चुका था । 



दोनों बच्चों की तो मानो मन मांगी मुराद ही पूरी हो गई थी । स्कूल से लौटते ही दोनों मोती को नदी किनारे टहलाने के लिए ले जाते । उसके साथ खेलने में दोनों को बहुत अच्छा लगता था । सावित्री भी मोती की देखभाल प्रेम से करती । कुछ ही दिनों में मोती खा - पीकर एक आकर्षक , चुस्त व चालाक कुत्ता बन गया था । 



अब वह रात को जाग - जागकर सेवकराम के घर और पशुओं की रखवाली बखूबी कर लेता था । एक रात कुछ चोर सेवकराम की पशुशाला से उसकी भूरी गाय नंदिनी को चुराने पहुंचे परन्तु सतर्क मोती ने उनकी एक न चलने दी । मोती ने काट - काट कर चोरों को लहूलुहान कर दिया और वे जैसे - तैसे अपनी जान बचाकर भाग खड़े हुए । 



सुबह होने पर जब पड़ोस के गोवर्धन काका ने मोती की बहादुरी की बात सेवकराम को बताई तो उसने प्यार से मोती को गोद में उठाकर उसका सिर चूम लिया । उस दिन से तो मोती सेवकराम के परिवार वालों का और भी प्यारा और चहेता बन गया । मोती साए की तरह सेवकराम के आगे - पीछे रहता । 



दोनों एक साथ खेत पर जाते और एक साथ दोपहर का भोजन करते । शाम को एक बॉडीगार्ड की तरह वह बैलों के साथ सेवकराम के संग लौटता । मोती अब तो सेवकराम और परिवार के सभी सदस्यों की एक एक बात और इशारों को समझ लेता था। उसे मनुष्य के स्वभाव और की चरित्र अच्छी पहचान अच्छे थी। 



लोगों के आने पर वह उनको स्वागत उनके पैर चाटकर करता परन्तु बुरे व संदिग्ध चरित्र के लोगों को देखते ही वह जोर - जोर से भौंकने लगता और उन्हें घर के पास फटकने तक न देता । की बात है । गंगापुर के पास जंगलों बनैले सूअरों का काफी आतंक बढ़ गया था । 



वे झुंडों में आकर फसलों को बर्बाद कर देते और अकेले आदमी अथवा जानवर पर आक्रमण कर अपने नुकीले दांतों से उसका काम ही तमाम कर देते । जाड़े के दिन थे । पौष का महीना था । शीत के प्रकोप से लोग अपने - अपने घरों में दुबके हुए थे । 



एक रात को खेतों की ओर से भागकर एक बनैला सूअर सेवकराम की पशुशाला की ओर आ पहुंचा और सेवकराम की गाय नंदिनी पर आक्रमण कर दिया । मोती शीत लहर के मारे पुआल के ढेर में दुबका - सो रहा था । गाय की आवाज सुनते ही वह सचेत हो गया और बनैले सूअर से भिड़ गया । दोनों के बीच लम्बे समय तक युद्ध हुआ । 



दोनों में से कोई हार मानने को तैयार न था । दोनों लहूलुहान हो चुके थे । अंत में हारक बनैला सूअर भाग खड़ा हुआ । नंदिनी को मोती ने बचा लिया था । पौ फटने पर जब सेवकराम पशुओं को चारा देने के लिए पशुशाला पहुंचा तो मोती अंतिम सांसें ले रहा था । 



मोती का सिर गोद में रखकर सेवकराम रोने लगा । उसके रोने की आवाज सुनकर घर के सभी सदस्य वहां आ पहुंचे । आखिर मोती ने सेवकराम की गोद में दम तोड़ दिया पर अपनी जान देकर नंदिनी और बैलों की प्राण रक्षा की ।



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बहादुर मोती कुत्ते ने कैसे जंगली सूअर से नंदिनी गाय की जान बचाई | स्वामीभक्त बहादुर मोती Best Hindi Stories Reviewed by Jeetender on February 09, 2022 Rating: 5

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