Top Ad unit 728 × 90

Breaking News

InterestingStories

कहर एटम बम का | कैसे एटॉमिक काल का आरंभ हुआ हिरोशिमा में ? Atomic War

 कहर एटम बम का



कहर एटम बम का, हिरोशिमा , परमाणु बम हिरोशिमा नागासाकी ,लिटिल बॉय एटम बम, B-29 अमेरिकन प्लेन , 6 अगस्त 1945, अमेरिकन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, रोबर्ट ओपनहीमर , एनरिको फरमी तथा लियोपोल्ड सिज्लर्ड ,अमेरिकी युद्ध पोत मिसरी, हिरोशिमा नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम ,परमाणु बम की तबाही, nuclear atomic bomb, Hiroshima America war



20 वीं शताब्दी को अनेक ऐसे आविष्कारों के लिए याद किया जाएगा , जो मानव जाति के लिए बहुत फायदेमंद सिद्ध हुए । जैसे यातायात के अनेक साधन , दूर संचार की विभिन्न प्रणालियां , चिकित्सा जगत की उपलब्धियां आदि । ये सभी विज्ञान को वरदान सिद्ध करती हैं परन्तु विज्ञान कई बार शाप बन कर सामने आया है । 




इसका एक प्रमुख उदाहरण है 6 अगस्त 1945 में अमेरिकी सेना द्वारा जापान स्थित हिरोशिमा तथा नागासाकी शहरों पर एटम बम का कहर बरसाना । इस घटना ने मानव जाति के विज्ञान के लाभों के बारे में बने भ्रम को चकनाचूर कर दिया । विनाशकारी एटम बम भी वैज्ञानिकों का ही आविष्कार है । 




इसके दुष्परिणामों का पूर्व अवलोकन किए बिना अमेरिका द्वारा जब इसे हिरोशिमा पर गिराया गया तो विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार इससे तुरन्त मरने वालों की संख्या एक लाख से एक लाख 40 हजार के बीच थी । इनके अतिरिक्त इस हादसे के कई दशक बाद तक भी हजारों लोग बम से निकले विकिरण के कारण हुए जानलेवा रोगों से जूझते रहे । 




इस प्रकार शुरूआत हुई एक एटोमिक काल की । यह एटोमिक काल अमेरिकियों के आंतरिक भय का नतीजा था । यह भय द्वितीय विश्व युद्ध की शुरूआत में जर्मनी द्वारा एडोल्फ हिटलर के तीसरे कार्यकाल के दौरान एटोमिक हथियारों के विकास की अफवाह फैलने के कारण पैदा हुआ था । 



कहर एटम बम का, हिरोशिमा , परमाणु बम हिरोशिमा नागासाकी ,लिटिल बॉय एटम बम, B-29 अमेरिकन प्लेन , 6 अगस्त 1945, अमेरिकन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, रोबर्ट ओपनहीमर , एनरिको फरमी तथा लियोपोल्ड सिज्लर्ड ,अमेरिकी युद्ध पोत मिसरी, हिरोशिमा नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम ,परमाणु बम की तबाही, nuclear atomic bomb, Hiroshima America war, Discoveryworldhindi.com


विख्यात यहूदी वैज्ञानिक एल्बर्ट आइनस्टाइन ने नाजियों से जान बचा कर अमेरिका में शरण ली थी । 1939 में उन्होंने राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रुजवेल्ट को चेतावनी दी कि जर्मनी एटम बम बनाने की क्षमता रखता है । इस बात से सचेत हो अमेरिका ने भी अपनी खुफिया मैनहट्टन परियोजना शुरू कर दी । 




एटोमिक बम बनाने के इस खुफिया मिशन में विश्व के उच्च कोटि के वैज्ञानिक शामिल थे । इनमें रोबर्ट ओपनहीमर , एनरिको फरमी तथा लियोपोल्ड सिज्लर्ड शामिल थे जिनका नेतृत्व मैनहट्टन परियोजना का निदेशक जनरल लेस्ली ग्रोव्स कर रहे थे। बम तैयार करने के पश्चात 16 जुलाई 1945 को इसका टैस्ट परीक्षण एक गुप्त स्थान पर किया गया 




परन्तु इसकी गोपनीयता रह न पाई क्योंकि इस ब्लास्ट को परीक्षण स्थल से 150 मील दूर तक देखा या महसूस किया गया। इस परिणाम ने इसके आविष्कारकों को भी दहला दिया था । डा. ओपनहीमर ने तो बम के प्रभाव को देख कर कहा था ' मैं मौत बन गया हूं । दुनिया का विनाशक । ' ट्रिनिटी में किए गए इस विस्फोट के कुछ सप्ताह पश्चात कुछ वैज्ञानिकों ने राष्ट्रपति ट्रमैन को इसके घोर दुष्परिणामों की चेतावनी दी थी और आग्रह किया था कि इसे मानव संहार के लिए इस्तेमाल न किया जाए । 




 किन्तु राष्ट्रपति के लिए यह आग्रह अन्य दबाव के आगे तुच्छ था। इन दबावों में शामिल थे दूसरे विश्व युद्ध को जल्द से जल्द समाप्त करना ; अमेरिकी सैनिकों की घटती संख्या रोकना ; मैनहट्टन परियोजना पर खर्च हुए दो बिलियन डॉलर को उपयोगी सिद्ध करना तथा यह आशा कि एटोमिक बम के इस्तेमाल से अमेरिका स्वयं को सोवियत संघ से अधिक श्रेष्ठ और ताकतवर सिद्ध करके वर्षों से चले आ रहे शीत युद्ध में भी जीत दर्ज कर पाएगा ।  



कहर एटम बम का, हिरोशिमा , परमाणु बम हिरोशिमा नागासाकी ,लिटिल बॉय एटम बम, B-29 अमेरिकन प्लेन , 6 अगस्त 1945, अमेरिकन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, रोबर्ट ओपनहीमर , एनरिको फरमी तथा लियोपोल्ड सिज्लर्ड ,अमेरिकी युद्ध पोत मिसरी, हिरोशिमा नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम ,परमाणु बम की तबाही, nuclear atomic bomb, Hiroshima America war, Discoveryworldhindi.com
विस्फोट के केंद्र बिंदु पर क्षतिग्रस्त होने के बावजूद बच्चे कुछ इमारतों में से प्रमुख है गुंबद नुमा छत वाली यह इमारत जिसे एटम बम बम के नाम से जाना जाता है।


उल्लेखनीय है कि यूरोप में अप्रैल 1945 में हिटलर की मृत्यु पश्चात युद्ध समाप्त हो चुका था तथा पूर्व में जापान ही सिर उठाए अमेरिकी सेना को चुनौती दे रहा था । अतः दूसरे विश्व युद्ध शीघ्र समाप्त करने के लिए जापान की बढ़ती शक्ति को रोकना अनिवार्य हो गया था । फल स्वरूप अगस्त 1945 को ' इनोला गे ' नामक अमेरिका के बी-29 विमान ने ' लिटल ब्वाय ' नामक एटोमिक बम जापान के हिरोशिमा शहर पर गिराया । 




यही नहीं तीन दिन बाद यानी 9 अगस्त 1945 को ' फैट मैन' के नाम से एक अन्य एटम बम जापान के ही नागासाकी शहर पर गिरा दिया गया । हिरोशिमा शहर पर गिरे ' लिटल ब्वाय ' में 12 हजार 500 टन टी.एन.टी. की शक्ति थी  तथा इससे उत्पन्न ऊष्मा में आग के गोले के बीचों बीच 5 करोड़ फारनहाइट का तापमान था । 




बम जब नीचे फटा तो एक बड़ा आग का गोला मशरूम की शक्ल में ऊपर की ओर उठा। भयंकर तापमान होने के कारण लोगों के शरीर पलक झपकते ही भाप बनकर उड़ गए। विस्फोट इतना ताकतवर था कि ग्राउंड जीरो से 15 किलोमीटर की दूरी तक के लोगों के मकान के खिड़कियों के शीशे टूट गए। क्षण भर में हिरोशिमा शहर की आबादी 2 लाख 50 हजार के 30% यानी 80 हजार लोग मौत के मुंह में समा गए थे । 


कहर एटम बम का, हिरोशिमा , परमाणु बम हिरोशिमा नागासाकी ,लिटिल बॉय एटम बम, B-29 अमेरिकन प्लेन , 6 अगस्त 1945, अमेरिकन राष्ट्रपति फ्रैंकलिन रुजवेल्ट, रोबर्ट ओपनहीमर , एनरिको फरमी तथा लियोपोल्ड सिज्लर्ड ,अमेरिकी युद्ध पोत मिसरी, हिरोशिमा नागासाकी पर गिराया गया परमाणु बम ,परमाणु बम की तबाही, nuclear atomic bomb, Hiroshima America war, Discoveryworldhindi.com
बम के गिरने के बाद हिरोशिमा में हुई तबाही का यह फोटो


लोगो की आंखों की रोशनी चली गई और कई मात्र विकिरणो के विषैले प्रभाव से ही मर गए । बम का भौतिक प्रभाव वायुमंडल पर भी पड़ा । अत्यधिक बड़ी बूंदों वाली वर्षा , हरिकेन की शक्ति एवं तीव्रता वाली हवाएं आम बात हो गई । क्षतविक्षत कुछ इमारतें बची थीं वे भी बम के प्रभाव से कमजोर हो चुकी थी ,प्रकृति के इन थपेड़ों को वे बर्दाश्त न कर पाईं , जगह जगह आग लगने से तबाही और भी बढ़ गई। 




नागासाकी में ऐसी ही तबाही हुई किन्तु मृतकों की संख्या 70 हजार के करीब रही क्योंकि शहर को घेरे खड़े पर्वतों ने बम का काफी प्रभाव अपने ऊपर ले लिया था । इन विनाशकारी लीलाओं के पश्चात जापान ने अमेरिका के आगे घुटने टेक दिए । इस प्रकार दूसरे विश्व युद्ध का अंत , 2 सितम्बर 1945 में अमेरिकी युद्ध पोत मिसरी पर दोनों देशों के बीच दस्तावेजों पर हस्ताक्षर होने के साथ हुआ ।




🙏दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप कमेंट करना ना भूलें नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी कीमती राय जरूर दें। Discovery World Hindi पर बने रहने के लिए हृदय से धन्यवाद ।🌺







कहर एटम बम का | कैसे एटॉमिक काल का आरंभ हुआ हिरोशिमा में ? Atomic War Reviewed by Jeetender on December 21, 2021 Rating: 5

No comments:

Write the Comments

Discovery World All Right Reseved |

Contact Form

Name

Email *

Message *

Powered by Blogger.