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इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म और फ्यूल सेल क्या है ?

इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म क्या है ?


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कोपेनहेगन विश्वविद्यालय के हांस क्रिश्चियन ओसटेड ने 1820 में यह पाया कि जब किसी कम्पास को विद्युत प्रवाह वाली तार के निकट रखा जाए तो उसमें हलचल प्रारंभ हो जाती है और जब स्विच ऑफ करके विद्युत प्रवाह को रोक दिया जाए तो वह फिर से अपनी सामान्य स्थिति में आ जाता है । इससे ओर्सटेड को विद्युत प्रवाह के चुम्बकीय प्रभावों के बारे में जानकारी प्राप्त हुई । इस तरह से मैग्नेटिज्म (चुंबकत्व) तथा विद्युत में एक संबंध स्थापित हुआ । इस क्षेत्र के अध्ययन को इलैक्ट्रोमैग्नेटिज़्म के नाम से जाना जाता है ।



इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म के प्रभावों का अध्ययन पहले ओसटेड द्वारा किया गया, बाद में माईकल फैराडे ने इस पर गहराई से कार्य किया । इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म के बारे में सबसे सामान्य व्याख्या यह है कि किसी तार में प्रवाहित हो रहा करंट एक चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर देता है । मैग्नेटिक फील्ड की आकर्षित करने वाली तथा विकर्षक शक्तियों के माध्यम से इसे एक मोटर  का चलाने के लिए इस्तेमाल किया जा सकता लेकिन फैराडे इस प्रश्न पर एक कदम और आगे बढ़ गए कि यदि विद्युत प्रवाह चुम्बकीय क्षेत्र उत्पन्न कर सकता है तो क्या चुम्बक भी करंट उत्पन्न कर सकता है ? 



उन्होंने यह पाया कि यह चुम्बकीय क्षेत्र नहीं है जो तार में करंट उत्पन्न करता है बल्कि तार के गिर्द ऊर्जा की चुम्बकीय रेखाओं की मूवमैंट करंट उत्पन्न करती है । जब किसी चुम्बक को , चाहे वह इलैक्ट्रोमैग्नेट हो या परमानेंट मैग्नेट , को जब किसी विद्युत कंडक्टर के करीब लाया जाता है तो कंडक्टर में आंदोलित करंट उत्प्रेरित हो जाता है जो गोल - गोल घूमता है । कंडक्टर को खींचने जैसी शक्ति का आभास होता है । इस शक्ति का इस्तेमाल गति उत्पन्न करने के लिए किया जाता है तथा विद्युत करंट उत्पन्न करने के लिए आंदोलित करंटस को नियंत्रित किया जाता है । जैसा कि डायनमो में होता है । 



इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म के और भी अधिक पेचीदा उदाहण ट्रांसफामर्स जैसे उपकरणों में पाए जाते हैं जहां एक परिवर्तित होता चुम्बकीय क्षेत्र करंट उत्पन्न करता है । यहां तारों के दो छल्ले ( क्वायल्स ) एक दूसरे के करीब रखे जाते हैं । जब परिवर्तित हो रहा करंट एक क्वायल में से बहता है तो एक परिवर्तित होता चुम्बकीय क्षेत्र बन जाता है जो दूसरी क्वायल में वोल्टेज उत्प्रेरित करता है ।



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यदि दूसरी क्वायल को क्यों किसी भी इलेक्ट्रिक सर्किट में उत्प्रेरित कर दिया जाए तो करंट का प्रवाह शुरू हो जाता है । कुछ इलैक्ट्रोमैग्नेट्स को टैलीफोन तथा इलैक्ट्रिक बैल्स (घंटियों ) में इस्तेमाल किया जाता है । स्क्रैप यार्ड्स में एकत्र कबाड़ में से लोहे तथा इस्पात को अलग करने के लिए बहुत शक्तिशाली इलैक्ट्रोमैग्नेटिक उपकरण लगाए जाते हैं । इन तरीकों को इस्पात तथा लोहे के प्लांट्स में भी अपनाया जाता है । 


आधुनिक खगोल रिसर्च में चुम्बकीय क्षेत्र रेखाओं को लोहे के चूरे से उत्पन्न किया जाता है जो अंततः यह समझने में सहायता करता है कि रोशनी तथा रेडियों तरंगें किस तरह अंतरिक्ष में यात्रा करती हैं । 


"एक इलैक्ट्रोमैग्नेट , जो चुम्बकीय नहीं है को ऐसा इसके गिर्द लपेटी तार की क्वायल में से विद्युत तरंगें गुजार कर बनाया जा सकता है ।"


फ्यूल सेल क्या है ?


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 वह दिन दूर नहीं जब घरों को रोशन करने के लिए बिजली बाहर से नहीं आएगी बल्कि उसे घर के ही किसी कोने में बड़े ही सुरक्षित और किफायती ढंग से बनाया जा सकेगा और यह संभव होगा फ्यूल सैल के माध्यम से 




फ्यूल सैल एक ऐसी प्रणाली है जिसमें हाइड्रोजन और ऑक्सीजन के मिश्रण से विद्युत पैदा की जाती है । साथ ही इस प्रक्रिया में पानी भी बनता है । सामान्य बैटरी की तरह इसका चार्ज खत्म नहीं होता बल्कि लम्बे समय तक लगातार चलता रहता है । 




सामान्यतः यह प्राकृतिक गैस ( हाईड्रोजन ) का स्रोत और वायु ( ऑक्सीजन का स्रोत ) से चलता है एक फ्यूल सैल 0.7 से 1.0 वोल्ट क्षमता की बिजली ही दे पाता है परन्तु उनको आपस में जोड़ कर अधिक बिजली पाई जा सकती है। 



जैनरेटर द्वारा बिना प्रदूषण फैलाए बिजली पैदा नहीं की जा सकती परन्तु फ्यूल सैल प्रदूषण रहित है और सह - उत्पाद के रूप में शुद्ध पानी बनाता है । फ्यूल सैल कोई नया आविष्कार नहीं है । वकील से वैज्ञानिक बने अंग्रेज विलियम रॉबर्ट ग्रोव आज से लगभग 150 साल पहले इसका आविष्कार किया था परन्तु उस समय लोगों ने इसमें ज्यादा रुचि नहीं दिखाई और काफी समय तक इसकी उपेक्षा होती रही परन्तु द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद इस पर काफी शोध और विकास हुआ ।



 

अब तो बहुत से देशों में मोबाइल फोन , कारें और बसें फ्यूल सैल पर चल रहे हैं । न्यूयार्क की एक संस्था ने बिजली के घरेलू उपयोग के लिए फ्यूल सैल केंद्र तैयार किया है । अभी फ्यूल सैल की कीमत कुछ अधिक है परन्तु भारत और अन्य देशों में इस विषय पर काफी शोध हुआ है । आने वाले वर्षों में यह तकनीक एक क्रांति लाएगी।


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इलैक्ट्रोमैग्नेटिज्म और फ्यूल सेल क्या है ? Reviewed by Jeetender on August 11, 2021 Rating: 5

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