Fingerprints
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मनुष्य की उंगलियों के 'रिजेस' का पैटर्न उम्र बढ़ने के साथ बदलता नहीं है। |
व्यक्ति की उंगलियों पर अपनी बारीक धारियों को 'फिंगर प्रिंट' कहते हैं। जो लोगों की पहचान को सुनिश्चित बनाकर अपराधों की जांच और अपराधियों को पकड़ने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं क्योंकि किसी भी व्यक्ति के उंगलियों के निशान दूसरे व्यक्ति की उंगलियों के चिन्हों से मेल नहीं खाते।
लंदन में स्कॉटलैंड यार्ड पुलिस ने अपना फिंगरप्रिंट विभाग खोला है। फिंगर प्रिंट्स पेटन्स् अर्थात उंगलियों चिन्हों की सब शैलियों के वर्गीकरण की साधारण प्रणाली का इस्तेमाल करते हुए ब्रिटिश पुलिस का सभी अपराधियों का विस्तृत रिकॉर्ड रखने का इरादा है।
ये समाचार है तो पुराने लेकिन फिंगर प्रिंट्स के संबंध में प्राप्त की गई उपलब्धि 1951 की सबसे महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। फिंगरप्रिंट का सबसे पहले इस्तेमाल 1877 में भारतीय प्रशासनिक सेवा के विलियम हर्शल ने यह सुनिश्चित करने के लिए किया कि बंगाल में पेंशनर अपनी पेंशन एक से अधिक बार ना निकलवा सके।
उन्हें अपने धनराशि प्राप्त करने के लिए कागज के एक टुकड़े पर शाही की छाप से 'हस्ताक्षर' करने होते थे। इस तकनीक को बाद में सर फ्रांसिस गैल्टन ने सुधारा तथा एडवर्ड हेनरी ने इसे विस्तृत किया। जिन्होंने लंदन पुलिस के प्रमुख होने के नाते इस प्रणाली को स्कॉटलैंड यार्ड में लागू किया। फिंगरप्रिंट्स ने लोगों की सही पहचान को सुनिश्चित बनाया। अपराधियों सावधान।
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बाल सुखाने की मशीन Hair Dryers
बाल सुखाने की मशीन ना केवल बालों को सुखाती है, बालों को विशेष शैली भी प्रदान करती है। खास तौर से महिलाओं के भीगे बालों को सुखाने के लिए यह एक कारगर उपकरण है। हेयर ड्रायर से निकली तेज वायु से बालों की नमी उड़ जाती है, जिससे बाल आसानी से और जल्दी सूख जाते हैं।
इसे और प्रभावी बनाने के लिए एक हीटर का इस्तेमाल किया जाता है। जब छोटे पंखे द्वारा हवा हीटर से प्रवाहित की जाती है तब हल्की गर्म हवा भीगे बालों को तुरंत सुखाने में सहायक होती है। हिटर और पंखों के अतिरिक्त इसमें स्विच द्वारा पंखे की गति को नियंत्रित किया जाता है। कुछ में तो तापमान नियंत्रण की सुविधा भी होती है।
हीटर नाइक्रोम से बने होते हैं जो निकल और क्रोमियम का मिश्र धातु है। नाइक्रोम धातु विद्युत प्रवाह की बड़ी प्रतिरोधक है। जब इसमें से विद्युत धारा प्रवाहित की जाती है, तब यह गर्म हो जाती है। इसके अतिरिक्त गर्म होने पर यह आसानी से एक ऑक्सीकृत भी नहीं होती।
अन्य धातु जैसे लोहा गरम होने के पश्चात जंग का शिकार हो जाता है इसी कारण नाइक्रोम हीटर टोस्टर जैसे उपकरणों में आमतौर से प्रयुक्त होती है।
देखा गया है कि 60 डिग्री से अधिक तापमान त्वचा की ऊपरी परत सहित बालों को भी नुकसान पहुंचाता है।
एक अच्छे उपकरण में स्वचालित ऊर्जा नियंत्रण की सुविधा होती है। जब तापमान इस सीमा से अधिक हो जाता है तो इसमें स्थित एक विशेष धातु की पतली पट्टी टूट जाती है और विद्युत प्रवाह कट जाता है। इसके मुंह पर जाली लगी होती है ताकि बाल जैसे कोई पदार्थ मशीन के अंदर ना चला जाए।
क्योंकि मशीन के भीतर का तापमान काफी अधिक होता है इसलिए इसका ढांचा ऐसा होना बेहद जरूरी है कि उससे आपको किसी प्रकार का नुकसान ना पहुंचे।
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