आला निराला
लाल कलगी वाला कठफोड़वा अपना घोंसला कानिफर के पेड़ के तने के अंदर एकदम गहराई में बनाता है। अपने अंडों को सांप से बचाने के लिए वह घोंसले के ऊपर और नीचे एक पेड़ के तने में छेद कर देता है और तने में मौजूद गोंद घोंसले के चारो और चिपचिपी दीवार से बना देती है।
रेड स्नेक (सांप) जो इस चिड़िया के अंडे और उसके चीजों को खा जाता है उसे इस गोंद की गंध अच्छी नहीं लगती। जिससे वह छटपटा कर पीछे हटता है और संतुलन बिगड़ जाने से नीचे गिर जाता है। कठफोड़वा तने में नए छेद बनाता रहता है ताकि ताजी गोंद हमेशा निकलती रहे।
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विशालतम तैरती वस्तु
पृथ्वी पर सबसे बड़ी तैरने वाली चीज कौन सी है ? वे सुपरटैंकर, विमानवाही पोत या बड़े-बड़े जहाज नहीं, बल्कि बर्फ के बड़े-बड़े हिमखंड हैं इन्हें हिमशैल कहते हैं। कुछ हिमशैल कई छोटे-मोटे देशों के बराबर होते हैं।
सन् 1956 में जब अंटार्कटिक के समुंदर में एक हिमशैल को नापा गया तो उसका क्षेत्रफल 31,000 वर्ग किलोमीटर निकला। हिमशैल बाहर से जितने नजर आते हैं उससे करीब तीन गुना समुंदर के नीचे होते हैं। जो हमें दिखाई नहीं देते।
इन की विशालता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि किसी किसी हिमशैल को पिघलने के लिए भी दस-बीस वर्ष लग जाते हैं। शायद इसलिए एक अरब शाही घराने सदस्य के मन में यह विचार आया कि यदि किसी तरह एक हिमशैल उसके देश तक पहुंचाया जा सके तो वहां की पानी की समस्या सुलझ जाएगी।
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सबसे बड़ा मरुस्थल
सहारा मरुस्थल दुनिया का सबसे बड़ा मरुस्थल है। यह करीब 90 लाख वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में फैला है जोकि उसके बाद के 9 विशाल मरुस्थलों के संयुक्त क्षेत्रफल से भी ज्यादा है।
शुष्क चट्टानी पठार और दूर-दूर तक फैले रेतीले मैदानों के अलावा उसमें रेत के समुंद्र भी है। इन रेतीले समुंद्रों की रेत लगाकर सरकती रहती है। कभी-कभी इस रेत के 180 मीटर के ऊंचे टीले बन जाते हैं। 'सहारा' शब्द की उत्पत्ति अरबी के सहरा शब्द से हुई है। जिसका अर्थ ही होता है रेगिस्तान सहारा उत्तर अफ्रीका के कई क्षेत्रों में फैला हुआ है।
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छठी इंद्रिय
हम मनुष्य की पांच इंद्रियां है: दृष्टि, श्रवण, गंध, रस और स्पर्श अधिकतर प्राणियों में यह पांच इंद्रियां ही होती है। लेकिन कुछ प्राणियों में और भी इंद्रियां पाई जाती है। मंडली सांप (वाइपर) की एक किस्म पिट वाइपर में ताप इंद्रिय होती है,
जिसकी सहायता से वह वस्तुओं में से निकलने वाली ताप के आधार पर उन्हें अंधेरे में भी पहचान लेता है। किसी कोने में दुबका हुआ चूहा उसे एक गर्म गोले के रूप में नजर आ जाता है यानी वह महसूस कर लेता है कि वहां चूहा है। ऐसा इसलिए हो पाता है क्योंकि चूहे का तापमान आसपास के मिट्टी पत्थर लकड़ी आदि से ज्यादा होता है। इस तरह यह सांप अंधेरे में भी शिकार कर पाता है।
मछलियों में भी यह खास इंद्रियां होती है। लेटरल लाइन इसकी सहायता से वह अपने आसपास के पानी के दबाव और कंपन में होने वाले फर्क को पहचान लेती है। इससे उसे पता चल जाता है कि कोई दुश्मन उसकी टोह में छुपा हुआ है। असल में लेटरल लाइन दोहरी इंद्रिय है उसमें स्पष्ट और श्रवण शक्तियों का मिश्रण होता है।
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