मैनहट्टन
आज 20 साल वर्ष पूर्व 11 सितम्बर 2001 को एक आतंकवादी हमले में ध्वस्त होने से
पूर्व वर्ल्ड ट्रेड सेंटर के ट्विन टावर्स का लोअर मैनहट्टन की स्काई लाइन पर
प्रभुत्व था । किसी समय मैनहट्टन एक छोटी - सी बस्ती थी । हालांकि इसके बसने के
प्रारम्भिक दिनों से ही हडसन तथा ईस्ट नदियों के मध्य स्थित मैनहट्टन द्वीप
बहुत - सी जातीय पृष्ठभूमियों वाले लोगों का मिलन स्थल रहा है
1524 में इटली के फ्लोरिंस शहर का रहने वाला गिओवानी दा वेराजानी , जो
फ्रांसीसी राजा फ्रांसिस एक के लिए काम करता था , उस जगह उतरा जिसे आज
न्यूयार्क की खाड़ी के नाम से जाना जाता है । हैनरी हडसन नामक अंग्रेज जो ईस्ट
इंडिया कम्पनी के लिए कार्य करता था , भी यहां 1609 में उतरा परन्तु पहली
कालोनी यहां 1624 में बसाई गई जब यहां आकर बसने वाले डच लोगों ने मैनहट्टन
द्वीप पर न्यू एम्सटर्डम की स्थापना की ।
1643 तक इस कालोनी में रहने वाले
लोगों की संख्या लगभग 500 थी जो विभिन्न 18 भाषाएं बोलते थे । इस कालोनी का
नियंत्रण 1664 में अंग्रेजों ने ले लिया तथा दुबारा इसका नाम राजा के भाई '
ड्यूक आफ यार्क ' के नाम पर रख 1788 में न्यूयार्क ' इपॉनिमस ' राज्य की
राजधानी बना जो अमेरिका के पहले 13 राज्यों में से ग्यारहवें नम्बर पर था । दो
वर्ष बाद 31131 की जनसंख्या के साथ यह उत्तरी अमेरिका का दूसरा शहर बन
गया।
शहर मैनहैटन द्वीप से मुख्यभूमि तक फैल गया इसलिए एक पुल की अत्यंत आवश्यकता
थी । 1883 में नया बना ब्रुकलिन पुल उस समय विश्व का सबसे लम्बा ' सस्पैंशन
ब्रिज ' था । ग्रेटर न्यूयार्क बनाने के लिए यह पुल मैनहट्टन को ब्रुकलिन
तथा क्वींस के साथ जोड़ता था ।
इन दिनों मैनहट्टन दोहरे चेहरे वाला शहर है
- एक है भीड़ भाड तथा चमक - दमक वाला जिसमें व्यस्त सड़कें , बार, सिनेमा,
थिएटर, अजायबघर, गैलरिया, सस्ते स्टोर तथा शानदार बुटीक शामिल
है दूसरा है ' कमर्शियल सैंटर ' जो उस अतिरिक्त धन को कमाने के प्रयास में है
और सामान्यत : स्ट्रीट लैवल से कहीं अधिक ऊपर है ।
19 वीं शताब्दी के अंत में मैनहट्टन को आफिस ब्लॉक्स ने अधिक रूप दिया है
जो यहां की महंगी जमीन का सर्वश्रेष्ठ उपयोग करने के लिए ऊपर ही ऊपर उठते
जा रहे हैं । इस सब ने मैनहट्टन को गगनचुम्बी इमारतों की वैश्विक राजधानी
बना दिया है।
गार्डर्स के बने इस्पात फ्रेमों के आविष्कार की बदौलत
अत्यधिक ऊंची इमारतें बनानी संभव हो सकीं और एक के ऊपर एक ब्लॉक्स
रखे जाने लगे । वह स्टाइल , जिससे कुछ आर्किटैक्ट्स ने ऐसे जादुई करिश्मे
किए उस चीज का एक भाग है जिसने मैनहट्टन को इतना रोमांचक बनाया । विशेषकर
1902 की फ्लैटिरोन बिल्डिग किसी इमारत के माध्यम से मूर्तिकला
का एक शानदार नमूना है ।
1930 में यूरोप से सजावटी तरीके सीख कर लौटे आर्किटैक्ट्स ने उन्हें गगनचुम्बी
इमारतों में इस्तेमाल किया । इसका ऐसी ही एक उदाहरण है क्रॉस एंड क्रॉस की जनरल
इलैक्ट्रिक बिल्डिंग । इनमें से सबसे प्रसिद्ध भवन , जो अब हालांकि सबसे ऊंचा
नहीं रहा , सिटी एम्पायर स्टेट बिल्डिंग आर्किटेक्चर के साथ - साथ कलात्मकता का
भी एक उत्कृष्ट नमूना है ।
जब अन्य शहरों में भी गगनचुम्बी इमारतें बननी शुरू
हो गईं , मैनहट्टन ने ' इंटरनैशनल स्टाइल ' विकसित कर लिया जो यूरोपियन
प्रभावाधीन अमेरिकी आर्किटेक्चर का बेहतरीन उदाहरण था । गगनचुम्बी इमारतों
के ' ग्रैंड ओल्ड मैन ' के नाम से जाने जाते आर्किटेक्चर फिलिप जॉनसन ने इसी
समय अपनी पहली रचना का निर्माण किया तथा 1988 में सीग्राम बिल्डिंग के माध्यम
से उन्हें अंतर्राष्ट्रीय पहचान मिली जिसे उन्होंने अपने सहयोगी भीव वान डेर
रोहे के साथ डिजाइन किया ।
बीस वर्ष बाद 1978 में यू स्टबिन्स एंड एसोसिएट्स नाम की आर्किटेक्चरल टीम ने
46 मंजिला सिटी कॉर्प सैंटर द्वारा नए स्टैंडस कायम किए जो अपने चार टावर्स के
कारण मैनहट्टन स्काईलाईन की एक विशेषता बनी । अगले ही वर्ष जॉनसन
ए.टी.एंड.टी.के लिए पोस्ट माडर्निस्ट गगनचुम्बी इमारत बनाने के लिए लौट आए ।
यह
आफिस ब्लाक 1983 में बन कर तैयार हुआ । जॉनसन ने कई तरह के नए परीक्षण करने की
हिम्मत दिखाई तथा कई नए स्टैंडर्ड सैट किए जिन्होंने आर्किटेक्चर को पुराने
कड़े नियमों से बाहर निकलने में सहायता ।
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मैनहट्टन शहर
Reviewed by Jeetender
on
August 09, 2021
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