भोजन द्वारा रोगों का उपचार
डाइबिटीज का घरेलू उपचार-
एक चम्मच मेथी या दो आम की पत्ती, आधा गिलास पानी में रात को भिंगोकर सुबह खाली पेट पीयें। 2. दालचीनी, सेब व जामुन का सिरका, जामुन व जामुन के बीज का चूर्ण । 3. फल- सन्तरा, अमरूद, आँवला, आडू, चकोतरा। 4. सब्जी- करेला, नींबू, भिण्डी, प्याज, खीरा, टमाटर व अन्य हरी सब्जी खायें। 5. चावल- ब्राउन राइस, कुट्टू का चावल व सभी छिलके वाली दालों का प्रयोग करें।
कंधा, पीठ एवं जोड़ों के दर्द का घरेलू उपचार -
ये रोग विटामिन-D एवं कैल्शियम की कमी से होता है। सुबह की धूप, काली तिल, मशरूम, दही, सन्तरा, शकरकन्द, कीवी, शिमला मिर्च । काडलीवर आयल ( दवा की दुकान पर मिलता है), अण्डा, मछली (सैलमन, मैक्रील, सारडीन, टूना) (कूलर एवं Ac के सामने न सोएँ, ठण्डी चीजों का सेवन न करें)।
कोलेस्ट्राल कन्ट्रोल हार्ट की बीमारी को दूर रखे-
अखरोट, बादाम, अलसी (तीसी), दालचीनी, ग्रीन टी, काली तिल, लहसुन, सेब, तरबूज, केला, सन्तरा, कीवी, अबैकाडो, गाजर, टमाटर, पत्तागोभी, प्याज, शिमला मिर्च, खीरा, लालमिर्च, हरी मटर, बीन्स ये सभी चीजें मोटाई व चिकनाई को काटती हैं। (बिस्कुट, नमकीन, कोल्डड्रिंक्स एवं तली हुई चीजों का परहेज करें।) सभी सब्जियों का कच्चा सलाद खाना ज्यादा फायदेमन्द है ।
हाई-वी. पी. के लिए घरेलू उपचार-
तीसी (अलसी), मेथी या अड़हुल का फूल पानी में रात को भिगोकर सुबह पीये, नारियल का पानी, दही, लहसुन, किशमिश, अमरूद, केला, तरबूज, सन्तरा, नीबू, आँवला, अबैकाडो, प्याज, टमाटर, कीवी, शकरकन्द, ब्रोकली, करैला, सहजन (कच्चा नमक एवं तली चीजें न खाएँ। अलग से नमक भी न खाएँ।)
नोट धूम्रपान, शराब, पान-मसाला न खायें क्योंकि इन सबसे वी.पी. बढ़ता है।
दिमागी ताकत के लिए-
अखरोट, बादाम, अनार, सफेद तिल, कद्दू का बीज, दही, ब्राह्मी, शंखपुष्पी, काली तिल। (रात में बरफ व ठंढी चीजें न पीये। जिनको नींद की शिकायत हो) ।
अनिद्रा के लिए-
मछली, अलसी (तीसी), कद्दू का बीज, दही, शहद, बादाम ।
थाइराइड के लिए-
नारियल, काडलीवर आयल,(अश्वगन्धा जड़ी का प्रयोग दस दिन से ज्यादा न करें)। पत्तागोभी, हरी गोभी (ब्रोकली) कच्चा न खाएँ ।
पैरालाइसिस (लकवा)--
लहसून, काली तिल, बैगन, मूली। (किसी एक्सपर्ट की राय से नियमित व्यायाम करें)।
स्त्री रोग-
सन्तरा, नींबू, करौंदा, अमरख व अन्य सभी खट्टे फल तथा ठंढई-खरबूजा के बीज 100 ग्राम, तरबूजा के बीज-100 ग्राम, छोटी इलायची व गोल मिर्च स्वादानुसार, मोटी सौंफ- 100 ग्राम, पोस्ता दाना - 100 ग्राम, गुलाब की पत्ती - 50 ग्राम।
चर्म रोगों के लिए घरेलू उपचार-
ये रोग विटामिन C की कमी से होता है। सन्तरा, शिमला मिर्च, दही, अखरोट, नीम की पत्ती, कीवी, शकर कन्द, नींबू व सभी खट्टे फल जैसे- मुँहासे व अन्य सभी चर्म रोग में लाभदायक है। न खाएँ-कच्चा नमक, चाकलेट, कोल्ड्रिक, चाय, तली चीजें, मलाई, खोवा, अजवाइन एवं मांस इत्यादि । पानी ज्यादा पियें।
शरीर के विकार को दूर करने वाले भोजन-
सभी खट्टे फल जैसे- नीबू, संतरा इत्यादि, शैलजम, शिमला मिर्च, अखरोट, हल्दी, काली मिर्च, लहसुन, खीरा, हरी गोभी (ब्रोकली), छिलके वाली दाल, गेहूँ की दलिया ।
शरीर को ठंडा रखने वाले फल एवं सब्जियाँ-
नारियल, खरबूजा, तरबूजा, संतरा, नींबू, आम, कीवी, सेब, खीरा, टमाटर, पत्तागोभी, ब्रोकली, कटहल, गेहूँ के ज्वार इत्यादि ।
ऊपर लिखी चीजों को नित्य भोजन में शामिल कर बदल-बदल कर लेने से रोग जल्द ही दूर हो जायेंगे।
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