इस वर्ष राजा बुध एवं मंत्री शुक्र हैं। वर्ष लग्न के विचार से लग्नेश अष्टम भाव में है। वर्ष का राजा बुध, शनि से दृष्ट है। इस ग्रह स्थिति के अनुसार उग्रवाद व आतंकवादी ताकतें विश्व के हर भूभाग में फैल कर वाहन दुर्घटनायें, विस्फोट से जनधन की हानि करेंगे। षष्ठेश मंगल का अष्टम में होना अनेक राष्ट्र सीमाओं पर सैन्य संघर्ष अथवा युद्ध जैसा वातावरण रहेगा। ब्रिटेन, फ्रांस, वेलजियम, अफ्रीका, अरब, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, चीन, रूस, इजराइल तथा भारतीय भूभाग पर युद्धादि बादलों की छाया के बादल मंडरायेंगे। विरोधी दलों का वर्चस्व बढ़ेगा।
इस वर्ष के राजा बुध (नपुंसक), मंत्री दैत्य गुरु शुक्र हैं। इससे अनेक राष्ट्राधिकारी एकत्रित होकर विरोध करेंगे। गुरु पंचमेश पंचमस्थ है। शनि में मंगल का नव पंचम योग से भारत की राजनीति में विशेष कानून व्यवस्था लागू होने से विपक्षी वर्ग तोड़फोड़ की नीति अपनाकर सत्तारूढ़ दल की नीतियों को नकारेंगे। भारत के साथ अन्य बहुत से देश व्यापारिक सम्बन्ध बनाने को उत्सुक होंगे।
भारत सर्वतोमुखी प्रगति की ओर बढ़ेगा। अमेरिका आदि देश महाशक्ति के रूप में उभर रहे भारत को कमजोर करने की नीति बनायेंगे। पश्चिमी प्रान्तों के देशों में राजनैतिक संकट गहरायेंगे। कहीं भयानक विस्फोटक वातावरण से आन्तरिक अशान्ति बनेगी। प्रमुख देशों में भी युद्धभय का वातावरण बनेगा। अमेरिका, रूस, जर्मनी एवं मुस्लिम राष्ट्रों में प्राकृतिक प्रकोप से जन-धन-हानि होगी। दक्षिण में कहीं शासन सत्ता में परिवर्तन के आसार बनेंगे। चीन एवं भारत में मुठभेड़ की स्थिति बनेगी। व्यापार की स्थिति में गिरावट आयेगी। मूल्य वृद्धि से जनाक्रोश बढ़ेगा, यह वर्ष मुस्लिम राष्ट्रों के लिये भयदायक रहेगा।
"वर्तमान वर्ष मे दो श्रावण का फलादेश इस प्रकार है दो श्रावण मास में अधिमास होने पर दुर्भिक्ष, अल्प वर्षा तथा भय की स्थिति उत्पन्न होती है। लोभ की बुद्धि पाप युक्त हो जाती है। शासन क्रूर व्यक्तियों द्वारा कुबुद्धि से संचालित होती है।"
आतंकवादी हरकतों का भय रहेगा। भारत में इसका असर ज्यादा दिखाई देगा। अग्निकाण्ड, विस्फोट आदि से जनता में भय रहेगा। चीन, जापान, रूस, तिब्बत वर्मा आदि राष्ट्रों में भूकम्प आदि प्राकृतिक प्रकोप से जन धन की हानि का योग है। राजनैतिक दलों में विशेष तोड फोड होगी। प्रधान नेता को कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ेगा। यान दुर्घटना में जन धन के नुकसान का योग है। भारत की शासन सत्ता के समक्ष विषम समस्यायें उपस्थित होंगी। लेकिन शान्ति के साथ सफलता मिल जायेगी।
विश्व व्यापार में परिवर्तन बनकर सुधार होने की प्रक्रिया शुरू होगी। देश के अनेक प्रान्तों में ठगी, लूट, चोरी, डाका आदि घटनाओ से प्रजा में भय की वृद्धि होगी। दक्षिण प्रान्तों में चक्रवात, तुफान, उपद्रव में हानि होगी। सीमावती क्षेत्रों में सैनिक गतिरोध होगा। विधान सभा आदि लोक तांत्रिक परिषदों में अनेक बौद्धिकता पूर्ण तर्क व विवाद बनेगा। भारत की गुप्तचर व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखना होगा। अन्यथा अन्तर्राष्ट्रीय सीमा पर अनेक प्रकार के विस्फोट से जनधन की हानि होसकती है।
बलात्कार की घटना दिन प्रतिदिन बढ़ती रहेगी। यवन राष्ट्रों अफगानिस्तान, तुर्की, ईरान, ईराक, चीन आदि राष्ट्रों में शासक विरोधी तत्त्वों से रक्तपात, उत्पात एवं हिंसक घटनायें बढ़कर प्रजा में दहशत होगी। कहीं किसी प्रधान शासक अथवा महान पुरुष का निधन अथवा पद त्याग हो सकता है। पंजाब, राजस्थान, गुजरात तथा काश्मीर के सीमावर्ती क्षेत्रों में संघर्ष एवं जनता में भय वृद्धि होगी। केन्द्रीय सरकार के किसी महत्वपूर्ण निर्णय का स्वागत होगा।
भारत में शिक्षण संस्थानों तथा चिकित्सालयों, सरकारी कर्मचारियों तथा स्त्रियों के कल्याण हेतु कार्य होंगे। संघर्षात्मक परिस्थियाँ उत्पन्न होंगी, दक्षिण भाग में प्राकृतिक आपदा घटित होगी। बालकों में ज्वरादि गंम्भीर रोग अथवा किसी स्पर्शजनित रोग का प्रकोप होगा।
रेलवे तथा दूरसंचार विभाग में अनपेक्षित घटनाएँ घटेंगी। पूर्वी-पश्चिम देशों में भुस्खलन तथा इमारत गिरने से जन-धन की भारी क्षति होगी। सरकार द्वारा कर (टैक्स) में अनावश्यक वृद्धि होगी। देश की अर्थ व्यवस्था प्रभावित होगी। उत्तर-पश्चिम भाग में कुछ उपद्रवकारी घटनाएँ घट सकती हैं। आर्थिक मुद्दों पर सरकार को लचीला रुख अपनाने की आवश्यकता है। विपक्ष अपना दबाव बनाने में सफल होगा। मध्य व पश्चिम भारत में अराजकता एवं प्राकृतिक आपदा से जन-धन की हानि होगी।
कहीं बम विस्फोट से हानि होगी। उत्तराखण्ड पर्वतीय भूभाग पर व उत्तर भारत में जल प्लाव से भयंकर जनधन हानि के संकेत मिलते हैं एवं सीमावर्ती क्षेत्रों में सैन्य संघर्ष तथा मुस्लिम राष्ट्र ईरान, ईराक, अफगानिस्तान, तुर्की आदि में घरेलू फँसाद होकर शासकों में चिन्तायें बढ़ेंगी। पूर्वी प्रान्तों में साम्प्रदायिक दंगे और जन आन्दोलन बढ़ेंगे। ब्रिटेन, अमेरिका, रूस आदि शक्तिशाली राष्ट्रों में आपसी खिंचाव रहेगा। चीन, अरब, जापान, अफ्रीकी देशों में जन आन्दोलन एवं तनाव बढ़ेंगे। दक्षिण प्रान्तों में आपसी मतभेद बढ़कर जनतंत्र में आक्रोश होगा।
प्राकृतिक प्रकोप, भूकम्प, समुद्री तूफान, अतिवृष्टि आदि से जनधन की हानि के योग हैं। महाराष्ट्र, उड़ीसा एवं अन्य प्रान्तों में अतिवर्षण से दुर्भिक्ष की स्थिति बनेगी। कहीं दुर्घटना में जान-माल का नुकसान एवं सीमा प्रान्तों पर शत्रु देश की गतिविधि से राष्ट्र के सैनिकों को सावधान रहना होगा। पश्चिमोत्तर प्रान्तों में नवीन क्रान्ति का उदय होकर जन उपद्रव से शासकों में भय की वृद्धि होगी। विपक्ष बल सफल होगा। पर्वतीय प्रान्तों में प्राकृतिक प्रकोप से जनधन की क्षति होने का योग है।
भारत अपनी सीमा सुरक्षा स्वयं करेगा। फरवरी तथा दिसम्बर महीने में अग्निकाण्ड, उपघात से जनधन की हानि होगी। दक्षिणी-पूर्वी क्षेत्रों में उपद्रव उत्पात प्राकृतिक घटनायें घटेंगी। पंजाब-हरियाणा-दिल्ली राजस्थान, पश्चिमोत्तर की जनता प्राकृतिक आपदा, अपराध वृद्धि से परेशान होगी। उत्तरार्ध में कोई भयावह समुद्री घटना घट सकती है।
विदेश व्यापार में वृद्धि होगी। राहु-गुरु की युति से गर्मी धूप में तेजी आयेगी। मार्च से जून के बीच भीषण गर्मी पड़ेगी। उत्तर प्रदेश सहित उत्तराखण्ड तथा उत्तर भारत ताप लहरी की चपेट में रहेगा। उड़ीसा, उत्तर प्रदेश के अवध प्रान्त में सामाजिक व धार्मिक समस्या उभरकर सामने आयेगी। पाकिस्तान से लगने वाली अफगानिस्तान की सीमा पर अलकायदा व तालिबान की गतिविधियाँ तेज होंगी। आई एस आई की गतिविधियाँ अफगानिस्तान में पुनः अशान्ति का कारण बनेगी। नेताओं में आपसी तनाव होकर आन्दोलन विग्रह तथा तोड़फोड़ व हानि कारक घटनाओं से जनता में आक्रोश व भय की वृद्धि होगी। देश की कई प्रान्तीय सत्तारूढ़ पार्टियों में विघटन बनेंगे। केन्द्र सरकार के अथक परिश्रम से देश की स्थिति में काफी बदलाव आयेगा। आयरलैण्ड, सुडान, बंगलादेश,श्रीलंका, भारत-काश्मीर व चीन आदि राष्ट्रों में गुप्त प्रशिक्षण केन्द्रों से जानकारी लेकर ध्वस्त करने का प्रयास करेंगे।
पूर्वी प्रान्तों में भूकम्प व भूमि स्खलन, अतिवृष्टि, तूफानादि प्राकृतिक आपदा विशेष रहेगी। वर्मा, जापान, चीन, तिब्बत व भूटानादि देशों में पर्वत विखण्डन का योग है। मुस्लिम राष्ट्रों अरब, ईरान, पाकिस्तान, अफगानिस्तान में शासकों में आपसी मतान्तर बढ़कर विग्रह बढ़ेगा। पर्वतीय प्रान्तों में प्राकृतिक प्रकोपों से धनजन की क्षति होगी। देश के महान पुरुषों या प्रधान शासकों के लिए कष्टप्रद है। विकास कार्यों के प्रति नवीन व्यवस्था बनेगी। आयात-निर्यात कार्यों में प्रगति बढ़ेगी। उत्तरांचल, महाराष्ट्र, आसाम, मणिपुर, उड़ीसा, जम्बू, काश्मीर, बिहार, छत्तीसगढ़ में आतंकी घटनाओं से जन धन की हानि के योग हैं। कुछ प्रान्तों में प्राकृतिक आपदा से भयंकर जनधन हानि हो सकती है। अफ्रीका, आस्ट्रेलिया, दक्षिणी अमेरिका व श्रीलंका आदि दक्षिणी गोलार्ध में जन उपद्रव, कलह तथा शासकों में आपसी तनावकारी वातावरण रहेगा। दक्षिणी पश्चिमी प्रान्तों में प्राकृतिक भूकम्प, तूफान व चक्रवात आदि घटनाओं से क्षति होगी।
विश्व के कुछ राष्ट्रों में भयंकर प्राकृतिक प्रकोप से हानि होगी। सीमा प्रान्तों में युद्ध से जनधन की हानि के योग हैं। बम विस्फोट, वाहन दुर्घटना तथा धार्मिक और साम्प्रदायिक फँसादों की अधिकता रहेगी। ठगी, चोरी, बलात्कार के उपद्रव से जन-जीवन अस्तव्यस्त रहेगा। सीमावर्ती क्षेत्रों में सैनिक गतिरोध एवं देश के रक्षकों में विशेष जागृति रहेगी। मध्यम वर्गीय व्यापारियों के लिये कष्ट-प्रद रहेगा। दक्षिणी प्रान्तों में अनेक चक्रवात, तूफान, उपद्रवों से हानि हो सकती है। विश्व में कहीं अशांति युद्धभय, अग्निकाण्ड से हानि, मुस्लिम देशों में जनसंहार, भूकम्प से अमेरिका, जापान आदि में हानि, कहीं भयंकर वर्षा से जनधन की हानि, ईशानकोण में कहीं। सत्ता परिवर्तन के योग हैं। राजनैतिक दलों को कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है। यान दुर्घटना, वायुयान दुर्घटना, वाहन एक्सीडेन्ट से ज्यादा लोगों की हानि हो सकती है।
भारत की राजनीति में विशेष कानून व्यवस्था लागू होने से विपक्षी वर्ग तोड़फोड़ की नीति अपनाएगा, इसलिये भारत की शासन सत्ता को सावधान रहना चाहिए। पश्चिमी राष्ट्रों में कहीं भयंकर अशांति रहेगी। कहीं दुर्भिक्ष, काश्मीर में रोगभय एवं अशांति रहेगी। जापान, रूस, अमेरिका में भी अनेक प्रकार की समस्यायें पैदा होंगी। पाकिस्तान एवं किसी समृद्ध राष्ट्र के नायक को भारी परीक्षा की घड़ी से निकलना पड़ेगा ।। लेकिन भारत आदि देश में धन-धान्य समृद्धि एवं प्रगति का मार्ग प्रशस्त होगा। कुछ देशों में राजनीति में विशेष परिवर्तन का संकेत है। भारत, पाकिस्तान या अन्यत्र कहीं सीमा प्रान्तों में सैनिक गतिविधि तेज होगी।
कुछ देशों में भयंकर युद्ध का भय व्याप्त होगा। चोरी ठगी की घटनायें अधिक होंगी। कुछ देशों में राजनीति में विशेष परिवर्तन का संकेत है। राजनैतिक उलटफेर बिहार, उत्तर प्रदेश, बंगाल, मध्यप्रदेश में कहीं विशेष समस्याओं को लेकर गतिरोध पैदा होगा। कहीं मंत्रिमंडल परिवर्तन हो सकता है। महँगाई उत्तरोत्तर बढ़ेगी, जिससे जनता में शासन , के प्रति असंतोष बढ़ेगा। चीन, जापान, भूटान, नेपाल, वर्मा तथा पूर्वी प्रान्तों में भूकम्प अथवा तूफानादि से जन-धन की हानि का संकेत है।
चीन की उद्दण्डता के कारण विश्व युद्ध की सम्भावना है पाक-भारत के बीच कश्मीर की समस्या का समाधान भारत देगा। इस वर्ष का दो श्रावण अधिमास अगस्त 1947 में भारत पाक विभाजन की दुःखद त्रासदी के समान हो सकता है। सत्य से बड़ा कोई नहीं। आने वाले समय में आपसी सूझ-बूझ और सद्विश्वास के वातावरण में बहुत से राष्ट्र एक हो जायेंगे। सत्य ही सर्वोपरि होगा।
रुपेश ठाकुर प्रसाद पंचांग 2023
🙏दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप कमेंट करना ना भूलें नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी कीमती राय जरूर दें। Discovery World Hindi पर बने रहने के लिए हृदय से धन्यवाद ।🌺
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Nice information
ReplyDeleteShare market ke bare me bataya tha wo mujhe na hi Mila
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