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मन का चोर | दादा जी ने बच्चों को झूठ पकड़ने वाली मशीन के बारे में क्या बातें बताई ? Interesting Story

मन का चोर



मन का चोर, झूठ पकड़ने वाली मशीन कैसे काम करती है, दादाजी की कहानी, बीरबल अकबर की कहानी, चोर की दाढ़ी में तिनका, झूठ पकड़ने वाली मशीन की कार्यप्रणाली


पड़ोस के बच्चे अक्सर राहुल के दादा जी को घेरे रहते थे । कारण था कि वे बच्चों के बीच उन्हीं की तरह घुल - मिल कर रहते थे और उन्हें एक से बढ़ कर एक अच्छी - अच्छी कहानियां सुनाते थे , जिससे उन सबका मनोरंजन तो होता ही था , ज्ञानवर्द्धन भी होता था । 



उनके पास हर तरह की कहानियों का जैसे पिटारा - सा था । चाहे तो उनसे राजा रानी की कहानियां सुन लो या भूत - प्रेतों की। चाहे पशु - पक्षियों की कहानियां सुनो या अंतरिक्ष विज्ञान की । उनके पास हर तरह की कहानियों का खजाना था । बच्चे जैसी कहानी की फरमाइश करते , वह उन्हें वैसी ही कहानी सुना दिया करते थे । 



इसलिए वह बच्चों के बीच काफी लोकप्रिय थे । ऐसे ही एक बार वह छुट्टी के दिन बच्चों के बीच घिरे बैठे थे । बच्चे उनसे तरह तरह की कहानियों की फरमाइश कर रहे थे और वह कहानियां सुना - सुना कर उनकी फरमाइश पूरी किए जा रहे थे । 



अभी - अभी वह अकबर और बीरबल की कहानी सुना कर हटे थे कि कैसे राजा अकबर के दरबार में एक बार दो आदमी आए थे । दोनों पर चोरी करने का आरोप लगा था किन्तु दोनों ही इस बात से इंकार कर रहे थे । राजा अकबर सोच में पड़ गए कि कैसे असली चोर का पता लगाया जाए ?



तब बीरबल ने उनकी समस्या हल कर दी । अकबर ने बीरबल की तरफ सवालिया निगाहों से देखा तो बीरबल ने उन दोनों की तरफ देखते हुए कहा कि चोर की दाढ़ी में एक तिनका है । इतना सुनते ही असली चोर का हाथ अपनी दाढ़ी की ओर उठ गया । 



इस प्रकार बीरबल ने अपनी चतुराई से असली चोर का पता लगा लिया था । बच्चे यह कहानी सुन कर खूब हंसे थे । तभी उनमें से एक बच्चे ने सवाल किया , अच्छा दादा जी , अगर उस चोर की दाढ़ी नहीं होती तो क्या होता ? तब कैसे चोर का पता लगता ? " 



' उसका भी एक तरीका है न । " दादा जी ने बच्चों को समझाते हुए कहा , " बच्चो , तुम तो समझदार हो और जानते ही हो कि आज विज्ञान कहां से कहां पहुंच चुका है । अब तो विज्ञान ने खुद इतनी तरक्की कर ली है कि वह झूठ बोल रहे आदमी की पहचान कर ले । ' ' अच्छा ? 



" सारे बच्चे एक साथ आश्चर्य से बोले । उनकी आंखों में गहरा कौतूहल झांक रहा था । " हां । " दादा जी बोले , " क्या तुमने झूठ पकड़ने वाली मशीन के बारे में सुना है ? " " नहीं । " बच्चों ने इंकार में सिर हिलाया । राहुल ने पूछा , " दादा जी , क्या झूठ पकड़ने वाली भी कोई मशीन होती है ?" 



" हां , और जानते हो कि उसका नाम क्या है ? " दादा जी ने पूछा । बच्चों ने एक साथ इंकार में सिर हिलाया तो दादा जी ने कहा , " तो सुनो , उसे कहते हैं - लाई डिटैक्टर । " लाई डिटैक्टर? " बच्चों ने आश्चर्य से दोहराया " हां । जब भी कोई आदमी झूठ बोलता है तो यह मशीन बता देती है कि वह झूठ बोल रहा है । " 



" मगर दादा जी , यह मशीन किसी की झूठी बात को आखिर पकड़ कैसे लेती है ? " एक बच्चे ने पूछा । " लो सुनो इसकी भी एक कहानी " दादा जी ने कहना शुरू कर दिया , “ एक बार दिल्ली के हवाई अड्डे पर तस्करी का सामान पकड़ा गया । तुम समझते हो न कि तस्करी का सामान क्या होता है ? " 



" हां । " बच्चों में से किसी ने कहा , " हमने फिल्मों में ऐसा देखा है । उसमें गुंडे पुलिस की निगाहों से छिपा कर अपने सामान को ले ऐसे जाते हैं । " " तुम ठीक समझे । " दादा जी बोले , " तो एक बार तस्करी का सामान पकड़ा गया मगर वह सामान किसका था , इसकी जिम्मेदारी लेने कोई नहीं  आया । 



पुलिस ने अपने शक के आधार पर तीन लोगों को गिरफ्तार किया मगर वे तीनों ही अपने आपको बेकसूर बता रहे थे । " अब पुलिस से असली अपराधी कौन है ? तब ऐसे में झूठ पकड़ने वाली मशीन यानी कि लाई डिटैक्टर की मदद ली गई। 



बच्चे उत्सुकतापूर्वक दादा जी की बातें सुन रहे थे । उन्होंने आगे कहा , " उन तीनों को बारी - बारी से लाई डिटैक्टर के परीक्षण से गुजारा गया और मशीन ने दो लोगों को छोड़ कर तीसरे के बारे में संकेत कर दिया कि वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है यानी वही असली अपराधी था । " " कमाल है । " बच्चे आश्चर्यचकित थे । 



उनमें से एक ने पूछा , " मगर दादा जी , आखिर उस मशीन को कैसे पता चला कि वह व्यक्ति झूठ बोल रहा है, मशीन यह कैसे पता लगा लेती है । दादाजी आप हमें बताएं ? " “ वह ऐसे बच्चो! " दादा जी ने समझाते हुए कहा , " कि इंसान जब भी कोई गलत काम करता है तो उसके मन में एक चोर छिपा रहता है । 



बाहर से वह व्यक्ति भले ही सामान्य दिखाई देता है लेकिन उसके अंदर का चोर उसके मस्तिष्क की तरंगों और हृदय की धड़कन को असामान्य कर देता है और यही संकेत लाई डिटैक्टर पकड़ लेता है , जिससे झूठ बोल रहे व्यक्ति की पहचान हो जाती है । " " वाह दादा जी ! 



" बच्चों ने खुशी से तालियां बजाते हुए कहा , " आपने तो आज हमें काफी अच्छी जानकारी दी । " उनकी बातें सुन कर दादा जी धीरे से मुस्करा दिए ।




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मन का चोर | दादा जी ने बच्चों को झूठ पकड़ने वाली मशीन के बारे में क्या बातें बताई ? Interesting Story Reviewed by Jeetender on February 22, 2022 Rating: 5

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