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आतंक का अंत | चीकू खरगोश की बुद्धिमानी से कैसे एक आतंक का अंत हो गया ? Interesting Story

आतंक का अंत



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खुशहाल वन में एक शेर रहता था । वह बहुत ही ताकतवर और खूंखार था । वन के सभी छोटे बड़े जानवर उससे डरते थे तथा उसकी हर आज्ञा का पालन करने के लिए हमेशा तैयार रहते थे । शेर ने ऐसा आतंक मचा रखा था कि सिर्फ खुशहाल वन ही नहीं बल्कि आसपास के दूसरे वनों के जानवर भी उसके खौफ से थर्राते थे । 



एक दिन शेर घूमते हुए चम्पक वन की तरफ निकल गया । चम्पक वन के जानवरों ने शेर को देखा तो सब डर के मारे अपने - अपने घरों में जाकर छिप गए । उस दिन शेर चम्पक वन में शाम तक घूमता रहा मगर उसे एक भी जानवर नजर नहीं आया। भूख के मारे जब उसकी आंतें कुलबुलाने लगीं तो वह एक टीले पर चढ़ कर दहाड़ने लगा , जिससे पूरा चम्पक वन दहल उठा । 



शेर की दहाड़ सुन कर एक सियार वहां आया । उसे देखते ही शेर उसकी तरफ झपटा । तभी सियार उसके आगे हाथ जोड़ कर खड़ा हो गया और बोला , ' हजूर , मेरा नाम बुद्धिराम है । मैं वन में सबको बुद्धि देता हूं । अगर आप चाहें तो आपको भी ऐसी युक्ति बता सकता हूं , जिससे आपको कभी भूख से दहाड़ना नहीं पड़ेगा । 



रोज इस वन का एक जानवर आपकी भूख मिटाने के लिए स्वयं आपके सामने हाजिर हो जाएगा । " सियार की बात सुनकर शेर कुछ सोचने लगा । फिर बोला , " ठीक है , मुझे बुद्धि बताओ । " " पहले आप यह वादा कीजिए कि आप मुझसे युक्ति पूछ लेने के बाद मुझे मार कर नहीं खाएंगे । " सियार ने कहा , " मेरे दिमाग में बुद्धि का खजाना है । 



अगर आपने लालच में आकर मुझे मार डाला तो बुद्धि का यह खजाना आपके हाथ नहीं लगेगा । अगर मैं जिंदा रहूंगा तो हमेशा आपको एक से बढ़कर एक बुद्धिमता की बातें बताता रहूंगा । " शेर को लगा कि सियार ठीक कह रहा है । उसने वायदा किया कि वह उसे नहीं मारेगा बल्कि उसे अपना सलाहकार बना लेगा । सियार यही तो चाहता था । 



वह जानता था कि शेर ने उसे अपना सलाहकार बना लिया तो उसे रोज शेर की छोड़ी हुई जूठन खाने को मिलेगी और जानवरों पर धौंस जमाने का मौका भी मिलेगा । सियार ने शेर से कहा , " हजूर आप इस कागज पर वन के जानवरों के नाम फरमान लिखें कि रोज एक जानवर आपकी सेवा में स्वयं हाजिर हो जाए ।  



यह कह कर उसने शेर की तरफ कागज- कलम बढ़ा दी । शेर ने फरमान लिखकर दे दिया । सियार मन ही मन बहुत खुश हुआ । उसने कागज मोड़ कर जेब में रखा और शेर से बोला , " हुजूर , आप गुफा में जा कर आराम कीजिए । मैं चलता हूं । " सियार जानवरों के घरों की तरफ चल दिया । शेर की दहाड़ बंद हो जाने से जानवर अपने अपने घरों से बाहर निकल कर टहल रहे थे । 



“ भाइयो तुम लोगों को आज मैंने बहुत भारी मुसीबत से बचा लिया ” सियार ने जानवरों से कहा , " शेर आज बहुत गुस्से में था और वह तुम लोगों के घरों पर धावा बोल कर सामूहिक हत्या करने वाला था मगर मैंने उसे बहुत समझाया तो वह मान गया लेकिन उसने एक शर्त रख दी । ' क्या शर्त रख दी ? " जानवरों ने भय से पूछा । 



इस पर सियार ने जानवरों को शेर का लिखा फरमान दिखाया । शेर का फरमान पढ़ कर सारे जानवर स्तब्ध रह गए । वे आपस में कानाफूसी करने लगे कि इस तरह तो शेर एक - एक करके हम सभी को खा जाएगा । शेर से बचने के लिए हमें कोई उपाय सोचना चाहिए । सब बैठ कर उपाय सोचने लगे मगर उन्हें कोई उपाय सूझ नहीं रहा था । 



" कोई फायदा नहीं है । सियार जानवरों से झूठी सहानुभूति दिखाता हुआ बोला , " तुम लोगों को शेर की आज्ञा हर हालत में माननी पड़ेगी । आतंक के आगे सबको हार माननी पड़ती है । "  " चीकू खरगोश बहुत बुद्धिमान और साहसी था । वह आज ही शहर से लौटा था । चीकू खरगोश ने जोश में आ कर कहा , " लेकिन हम हार नहीं मानेंगे । 



हम शेर के आतंक का अंत करके ही रहेंगे । " चीकू की बात सुनकर सियार तमतमाता हुआ वहां से चल दिया । वह सीधा शेर के पास गया और उसे सारी बात बता दी । इस पर शेर गुस्से से आग बबूला हो कर सियार से बोला , " बड़े बुद्धिमान बनते थे । मैं तुम्हें जिंदा नहीं छोड़ंगा । " इतना कह कर शेर ने सियार पर छलांग लगाई और उसे मार डाला । 



गुफा के एक कोने में लटका चमगादड़ सब देख रहा था । वह बुदबुदाया , " दुष्ट को कितना भी अपना बनाने की कोशिश करो। मौका मिलते ही वह घात करेगा । " चाहे सियार की हालत देख कर चमगादड़ गुफा से बाहर निकला और जानवरों के पास चल दिया । उसने जानवरों से सारी बात बताते हुए उन्हें शेर से सावधान रहने की सलाह देते हुए कहा , शेर कभी भी तुम लोगों पर हमला कर सकता है । 



अपने बचने का उपाय सोच लो । " भाइयो  इतना कह कर चमगादड़ वहां से जाने लगा तो चीकू ने उसे रोक लिया और कहा , " चमगादड़ भाई , इस मुसीबत की घड़ी में क्या तुम हमारा साथ दोगे ? " " हां , हां , क्यों नहीं चमगादड़ बोला , " बताओ , मैं क्या कर सकता हूं ? "  । "  



" बस तुम इतना काम कर दो । " चीकू ने उसे समझाते हुए कहा , " उस शेर को जाकर तुम यह सूचना दे दो कि आज की रात गुप्त स्थान पर  हम लोग एक मीटिंग करके उसे खत्म करने की योजना बनाने वाले हैं ताकि वह गुस्से में आग बबूला होकर उस स्थान की तरफ हम लोगों को मारने आए और हम उसका काम तमाम कर दें । 



" चीकू ने उसे अपनी योजना भी बता दी , " आज मैंने सर्कस वालों को एक रास्ते पर  गड्ढा खोदते हुए देखा था । सर्कस वाले जंगल में इसलिए गड्ढा खोद देते हैं ताकि जानवर उसमें गिर कर फंस जाए । मैं शेर को उसी गड्ढे में फंसाना चाहता हूं । " " यह योजना जरूर कामयाब होगी । " यह कह कर चमगादड़ शेर को सूचना देने चल दिया । 



सियार का मांस खाकर शेर गुफा में आराम कर रहा था । रात भी घिरने वाली थी  " तुम यहां आराम कर रहे हो और वहां जंगल के जानवर तुम्हें मारने की योजना बना रहे हैं । " चमगादड़ शेर को जगाता हुआ बोला । शेर ने आव देखा न ताव तुरन्त दहाड़ता हुआ उसी स्थान की तरफ चल दिया । जैसे ही वह कुछ दूर गया तो एक बहुत बड़े गड्ढे में गिर कर फंस गया । 



आस - पास छिपे जानवर बाहर निकल कर शोर मचाने लगे । तभी चीकू ने कहा , " भाइयो , मारो शेर को । " सब मिल कर शेर पर पत्थर बरसाने लगे । पत्थरों की मार से तड़प - तड़प कर मर गया । चीकू की बुद्धिमानी से एक आतंक का अंत हो गया ।



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आतंक का अंत | चीकू खरगोश की बुद्धिमानी से कैसे एक आतंक का अंत हो गया ? Interesting Story Reviewed by Jeetender on February 22, 2022 Rating: 5

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