मांसाहारी कीटभक्षी पौधे
कीटभक्षी पौधे |
आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि कुछ पौधे ऐसे भी हैं जो कीड़ों को पकड़ते हैं तथा उन्हें खाते हैं। ऐसे पौधों को 'इंसैक्टीवोरस प्लांट्स' अर्थात कीट भक्षी पौधे कहा जाता है क्योंकि वह खुद अपने लिए प्रोटीन नहीं बना सकते इसलिए इसे वे कीड़ों तथा कृमियों को खाकर प्राप्त करते हैं।
इस तरह का हर पौधा कीड़ों को पकड़ने के लिए अपनी अलग तरह की तकनीक का इस्तेमाल करता है। इस तरह के पौधों के पत्ते कीड़ों को फंसाने तथा उन्हें पचाने के अनुकूल बने होते हैं। जिससे उन्हें भोजन प्राप्त होता है।
एक प्रसिद्ध कीट भक्षी पौधा है पिचर प्लांट। इसके पत्ते का ऊपरी भाग एक छोटे पिचर (मटके) की तरह दिखाई देता है। इसका रंग बहुत आकर्षक होता है। इसमें एक चिपचिपा पदार्थ होता है। पिचर के मुंह में छोटे-छोटे रेशे होते हैं जो कीटों को भीतर की ओर जाने देते हैं लेकिन उसके बाहर आने में अवरोध उत्पन्न करते हैं।
कीट इसके खूबसूरत रंगों से आकर्षित होकर इस मटके में प्रवेश कर जाता है लेकिन बाहर नहीं आ पाता। वह इस घड़े के रस में फंस जाता है और पौधा एंजाइम्स पैदा करता है और उसे हजम कर लेता है। अमेरिका का 'कोबरा प्लांट' जो एक सांप की तरह दिखाई देता है, वह भी कीड़ों को खाता है। इसका भी मटके जैसा मुंह होता है।
' सनड्यू प्लांट्स ' के पत्तों के ऊपर बाल होते हैं । इन बालों के सिरों पर एक तरह की बूंदे होती हैं जो बहुत आकर्षक लगती है। जैसे ही कोई कीड़ा इनकी ओर आकर्षित होता है बाल आगे की ओर मुड़ जाते हैं। कीड़ों को पकड़ते हैं और अपने ही रस की सहायता से उसे हजम कर जाते हैं। कीड़े का हजम किया हुआ मांस पत्तों में समा जाता है। इसके बाद फिर वह सामान्य स्थिति में आ जाते हैं।
एक पौधा 'विनस फ्लाई ट्रैप' नाम का जो अमेरिका में पाया जाता है। इसके पत्तों के दोनों और लाल रंग के खूबसूरत उठान होते हैं। जब भी कोई कीड़ा पत्तों पर बैठता है तो यह फोर्क की तरह बंद हो जाते हैं। पौधा पाचन रसों की सहायता से उसे हजम कर लेता है।
यूटीकुलारिया' एक पानी का पौधा है जो विश्व भर में पाया जाता है। इस पौधे की जड़े पानी में डूबी होती है, में बल्बनुमा थैलियां होती है। जब भी कोई जलीय कीट इन थैलियों में प्रविष्ट होता है इसके मुंह पर लगे हुए बाल उसे फिर बाहर नहीं निकलने देते। इन थैलियों की दीवारें एक पाचक रस छोड़ती है जो इन छोटे कीटों के शरीर से प्रोटींस को चूस लेता है।
इसी तरह 'इंडियन पाइप' नामक एक पौधा भारत में शिमला की पहाड़ियों में पाया जाता है। यह भी कीटों को खाता है। इसके अलावा विश्व भर में बहुत तरह के अन्य किट भक्षी पौधे पाए जाते हैं।
स्टिंकहॉर्न बदबू क्यों देता है ?
स्टिंकहॉर्न एक तरह की फफूंद है जो मक्खियों को आकर्षित करने के लिए बदबू उत्पन्न करता है । हमें चाहे यह बहुत गंदा लगे लेकिन मक्खियां इसे पसंद करती हैं । वे इसके लिसलिसे भाग को खाती हैं जिसमें बीजाणु होते हैं जो उनकी टांगों से चिपक कर दूर तक पहुंच जाते हैं । इस तरह से मक्खियों की सहायता से स्टिंकहॉर्न दूर - दूर तक फैल जाते हैं ।
काई मोटी चटाई के रूप में क्यों उग आती है ?
काई बीजाणुओं से पैदा होती है । जब बीजाणु विकसित होना शुरू करते हैं तो ये पतला - सा हरे रंग का एक धागा बाहर निकालते हैं जिस पर आगे शाखाएं निकल आती हैं । शाखाओं के ऊपर गांठें बन जाती हैं और काई नए पौधों के रूप में विकसित हो जाती हैं ।
छोटे पौधे बहुत नजदीक आते हैं और शीघ्र ही एक चटाई का रूप प्राप्त कर लेते हैं । काई के पत्ते जलरोधी नहीं होते और मोटी चटाई के रूप में विकसित होने पर वे अपने आसपास नमी बनाए रखते हैं ।
फर्न कैसे उगते हैं ?
फर्न्स के फूल नहीं होते इसलिए वे बीज पैदा नहीं कर सकते । इसकी बजाय उनके पत्तों के भीतरी भाग में बीजाणु होते हैं । बीजाणु धरती पर गिर पड़ते हैं तथा नन्हीं डिस्कों के रूप में विकसित हो जाते हैं ।
डिस्क में नर तथा मादा कोशिकाएं होती हैं जो बाद में करीब आ जाती हैं तथा युवा फर्न के रूप में विकसित हो जाती हैं । कुछ फर्न जैसे कि ब्रैकन भी राइजोम्स या भूमिगत तनों से फैलते हैं ।
क्या पौधों के पास घड़ियां होती हैं ?
कुछ पौधों को आश्चर्यजनक रूप से सही तरीके से पता होता है कि वर्ष का यह कौन सा समय है । फूलों वाले कुछ पौधे प्रत्येक वर्ष ठीक उसी समय खिलते हैं । बहुत से जानवरों की तरह पौधे अपने भूमिगत तनों तथा जड़ों में भोजन इकट्ठा करके सर्दियों के लिए तैयारी करते हैं ।
पौधों की जड़े नीचे तथा तने ऊपर की ओर क्यों बढ़ते हैं ?
पौधे धरती की गुरुत्वाकर्षण शक्ति के प्रति प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं । आप इसके बीज को किसी भी तरह से रोप दें जड़ें हमेशा नीचे की ओर बढ़ती हैं । तना रोशनी प्राप्त करने के लिए ऊपर की ओर बढ़ता है ।
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