क्या सांप सुन सकते हैं ?
अनमोल ने पूछा , “ मैम ऐसा लगता है जैसे सांप के सिर के बाहर कान नहीं होते । क्या इसका अर्थ यह हुआ कि सांप सुन नहीं सकते ? " मैम ने जवाब दिया, " हां ! सांप हमारी तरह आवाजों को नहीं सुन सकता। इसके कान नहीं होते । लेकिन सांप धरती के रास्ते होने वाले कम्पनों के प्रति बहुत संवेदनशील होता है ।
जब हम चलते हैं तो धरती पर कंपन होता है । सांप कंपन को महसूस कर सकता है । और इस तरह अपने इर्द - गिर्द होने वाली हरकतों के प्रति सतर्क रहता है । सांप बहुत अच्छी तरह से देख सकते हैं । वे अपने शिकार को उसके रंग तथा आकृति की बजाय उसकी हरकतों से अधिक अच्छी तरह से पहचानते हैं ।
इनके सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है । ये अपने शिकार जानवरों , शत्रुओं तथा एक - दूसरे को भी उनकी गंध से पहचान लेते हैं । उनकी रासायनिक ज्ञानेंद्रियां बहुत विकसित होती हैं । किसी जानवर का पीछा उसकी गंध द्वारा बड़ी अच्छी तरह कर सकते हैं जैसे कि अच्छी तरह प्रशिक्षित एक शिकारी कुत्ता ।
इससे भी अधिक कुछ सांप , जैसे पिट वाइपर , कुछ तरह के बोआ तथा वाईपर्स अपने शिकार जानवर को उसके शरीर की गर्मी से पहचान लेते हैं , अर्थात उसका शरीर आसपास के वातावरण से गर्म है या ठंडा । यह ' ताप ज्ञानेंद्रिय ' उन्हें अपने शिकार को अंधेरे में भी देखे बिना उसकी स्थिति ज्ञात करने तथा उस पर प्रहार करने में सक्षम बना है । किसी भी अन्य जानवर में यह ' ताप ज्ञानेंद्रिय ' विकसित नहीं होती । "
सांप संपेरे की बीन पर झूमता क्यों है ?
अक्षय ने पूछा , " जब संपेरा अपनी बीन को फूंक मार कर बजाता है तो सांप अपना फन ऊपर उठा लेता है तथा बीन के संगीत की लय पर झूमता दिखाई देता है । यदि सांप बहरा होता है तो यह संगीत कैसे सुन लेता है ? "
मैम ने बताया , " सांप संगीत नहीं सुन सकते क्योंकि वे बहरे होते हैं लेकिन वे कंपन के प्रति बहुत संवेदनशील होते हैं । यहां तक कि जब वे टोकरी में लेटे होते हैं तो धरती में होने वाले कम्पनों पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करते हैं । बीन बजाते समय संपेरा टोकरी को थपथपाता है या धरती पर अपने पैरों को पटकता रहता है । सांप इससे होने वाले कम्पन पर अपनी प्रतिक्रिया व्यक्त करता है।
इससे भी बढ़कर आपने अवश्य गौर किया होगा कि बीन बजाते समय संपेरा अपने शरीर को भी लगातार हिलाता रहता है । सांप इस लिए नृत्य करता है क्योंकि सामने बैठा व्यक्ति या संपेरा अपने शरीर को हिला रहा होता है । दरअसल होता यह है कि जब संपेरा शरीर को इधर - उधर हिला रहा होता है तो सांप उस पर नजर गड़ाए रखे होता है । सांप इसलिए झूमता है क्योंकि वह खुद को संपेरे की आंखों के ठीक सामने रखना चाहता है । "
क्या सांप अपनी त्वचा केंचुली उतार देता है ?
प्रियंका ने पूछा " मैम मैंने कहीं पढ़ा है कि सांप अपनी त्वचा केंचुली उतार देते हैं , क्या यह सही बात है ? " , मैम ने उत्तर दिया , " हां यह सही। सभी सांप बूढ़े तथा युवा अपनी त्वचा उतारते हैं । पृथ्वी पर दो हजार से भी अधिक विभिन्न किस्मों के सांप पाए जाते हैं जो धरती , पानी और यहां तक कि पेड़ों पर भी रहते हैं । ये सभी अपनी त्वचा उतारते हैं ।
जब वे यह करते हैं तो वह फिल्म भी , जो आंखों को ढंकती है उतार दी जाती है । होता यह है कि त्वचा उतारने की प्रक्रिया के दौरान त्वचा का भीतरी भाग बाहर की ओर पलट जाता है । सांप ऐसा कैसे करते हैं ? वे अपनी त्वचा को किसी खुरदरी सतह के साथ रगड़ कर उतारते हैं । और वे अपनी त्वचा को एक - दो बार नहीं बल्कि एक वर्ष में कई बार उतारते हैं ।
सांप की त्वचा शल्कदार होती है । उसकी त्वचा के शल्क ही उसे शानदार तरीके से यहां तक कि तेज चलने में भी सहायता करते हैं । नीचे के भाग पर चौड़े शल्कों को इस तरह से आगे बढ़ाया जाता है कि प्रत्येक शल्क के पीछे के सिरे से धरती की खुरदरी सतह को पीछे की ओर धकेला जाता है । जब उन्हें खुरदरी सतह पर पीछे की ओर धकेला जाता है तो सांप का सारा शरीर आगे की ओर बढ़ जाता है ।
जीवविज्ञान के अनुसार सांप रीढ़ की हड्डी वाले अन्य ठंडे खून वाले जीवों से संबंधित हैं जैसे कि छिपकलियां , मगरमच्छ घड़ियाल , कछुए तथा कच्छप । "
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