तितलियों के बारे में रोमांचित जानकारी
क्या तितलियां प्रवास करती हैं ?
क्या आप जानते हैं कि कुछ किस्मों की तितलियां तथा मॉथ प्रवासी पक्षियों की तरह ही प्रवास करते हैं ?
' पेंटेड लेडी ' नामक तितलियां प्रत्येक वसंत में मैक्सिको से कैलिफोर्निया तक प्रवास करती हैं तथा पेंटेड लेडी तितलियां उत्तरी अफ्रीका से यूरोप जाते हुए भूमध्यसागर को पार करती हैं । आप अंदाजा लगा सकते हैं कि वह दृश्य कितना लुभावना होगा जब हजारों , यहां तक कि लाखों की संख्या में वे आकाश में समुद्र के ऊपर उड़ रही हों ।
प्रवास करने वाली सभी तितलियों में ' मोनार्क ' सबसे जानी मानी प्रजाति है । ये अपनी सर्दियां मैक्सिको की खाड़ी के पास तथा दक्षिण क्षेत्रों में बिताती हैं । वसंत में युवा मादाएं अपने अंडे ' मिल्कवीड ' नामक उन पौधों पर देती हैं जो अभी उगे ही होते हैं । अंडों से निकलने वाले कैटरपिलर या सुंडियां मिल्कवीड के पत्तों को खाती हैं ।
जब ये वयस्क बन जाते हैं तो कुछ दूर उत्तर की ओर उड़ जाते हैं जहां वे मिल्कवीड पर अंडे देती हैं । कुछ महीनों के भीतर ही मोनार्क तितलियों की कई पीढ़ियां मिल्कवीड की तलाश में उत्तर के भागों से आगे बढ़ती जाती हैं । जब ये कनाडा पहुंचती हैं तो यह ग्रीष्मकाल का आखिरी समय होता है और वहां पहुंचने वाली मोनार्क तितलियां वे नहीं होतीं
जिन्होंने यह सफर शुरू किया था बल्कि उनके पोते - पोतियां होते हैं । जब मध्यकाल आता है तो वे वापस उड़ जाती हैं और कई बार तो वे ऐसे झुंड के रूप में फैल जाती हैं जो 20 मील तक चौड़ा होता है । प्रत्येक वर्ष वे प्रवास करती हैं तथा उन्हीं रास्तों पर चलती हैं । "
तितली शिकारियों को धोखा कैसे देती है ?
मनुष्य तो ब्लफ मारते ही हैं सुन्दर तितलियां भी इसका सहारा लेती हैं अपनी जान बचाने के लिए । एक तितली है मोरनी तितली यानी पीकॉक बटरफ्लाई । यह झूठी पक्षियों को झांसा देकर बच निकलने में भी माहिर है । जब कोई पक्षी इस पर झपटता है तो यह अपने दो बड़े बड़े आंख जैसे निशान उसे दिखाती है । यूं कहें कि आँखें दिखाती है ।
इन्हें देख कर शिकारी भौंचक्का रह जाता है और तितली रफू चक्कर हो जाती है । इन आंखनुमा निशानों का यही उपयोग होता होगा , यह अनुमान तो काफी समय से था मगर अब स्वीडन के स्टॉकहोम विश्वविद्यालय के प्राणी वैज्ञानिक एड्रियन वैलिन ने इसकी पुष्टि कर ली है । यह जानते हुए कि मोरनी तितली अपनी ' आंखें ' दिखा कर अपनी जान बचाती है , किसी ने कभी प्रयोग करके इसे सिद्ध नहीं किया था ।
वैलिन और उनके साथियों ने एक आसान से प्रयोग की मदद से यह कर दिखाया है । उन्होंने मोरनी तितली ( इनेन्चिस आयो ) के पंखों पर मौजूद आंखनुमा चिन्हों को काले मार्कर पेन से पोत कर ढंक दिया । कुछ तितलियों के निशानों को पोता गया , कुछ के नहीं पोते गए । अब इन्हें खुले में , शिकारी पक्षियों के भरोसे छोड़ दिया गया ।
देखा गया कि जिन 20 तितलियों की ' आंखों ' को ढंका गया था उनमें से 13 पक्षियों के पेट में पहुंच गईं । दूसरी ओर 34 सामान्य तितलियों में से मात्र एक ही शत्रु पक्षियों का नाश्ता बनी । इससे स्पष्ट है कि ये ' आंखें दिखाना वास्तव में सुरक्षा प्रदान करता है । मगर यह सवाल स्वाभाविक है । कि सदियों से ये तितलियां आंखें दिखा रही हैं और पक्षी इन्हें देख रहे हैं। तो ये इस पक्षी धोखाधड़ी को पकड़ क्यों नहीं पाते ?
इस संबंध में ग्लासगो विश्वविद्यालय के ग्रेम रक्सटन का कहना है कि इस धोखाधड़ी को पकड़ने के परिणाम घातक हो सकते हैं । हो सकता है कि ये आंखें तितली की नहीं बल्कि किसी अन्य शिकारी पक्षी ( जैसे उल्लू ) की हों । तब तो पक्षी के लिए खुद की जान बचाना मुश्किल हो जाएगा । इसलिए पक्षी सावधानी का रास्ता अपनाते हैं और आंखें देख कर दूर रहने में ही भलाई समझते हैं ।
क्या तितली सूंघ सकती हैं ?
क्या तितली सूंघ सकती है ? मेरा अनुमान है कि वह सूंघ नहीं सकती क्योंकि ऐसा लगता है जैसे उसकी नाक नहीं होती । क्या ऐसा ही है ? " " आपको यह जानकर हैरानी होगी कि तितली की सूंघने की शक्ति बहुत तेज होती है । जब आपने यह कहा कि तितली की नाक नहीं होती तो आप सही थीं ।
तितली के सूंघने वाले अधिकतर अंग उसके एंटीना में होते हैं। कुछ तितलियां ऐसी भी हैं जो चीजों को अपने पांवों पर बनी नासिकाओं से सूंघती हैं । बहुत - सी तितलियों के पास खुशबुएं होती हैं , जिन्हें वह दो उद्देश्यों के लिए इस्तेमाल करती हैं । एक तरह की गंध को वह दूसरी तितलियों को आकर्षित करने के लिए तथा दूसरी तरह की गंध को शत्रुओं को दूर भगाने के लिए इस्तेमाल करती हैं ।
मादा तितलियां अपनी गंध को शरीर में बनी विशेष प्रकार की ग्रंथियों में तैयार करती हैं और नर तितलियों की गंध उनके पिछले पंखों में बनी थैलियों में मौजूद शल्कों से उत्पन्न होती है । " तितलियों की देखने और स्वाद चखने की शक्ति भी बहुत तीव्र होती है । तितलियों के स्वाद चखने के अंग उनके मुंह में होते हैं और ये अंग मनुष्य के इन्हीं अंगों के मुकाबले कहीं अधिक संवेदनशील होते हैं ।
मीठी चीजों के लिए वे बहुत अधिक संवेदनशील होती हैं । उनका मुख्य भोजन फूलों का पराग होता है । तितलियां रंगों को बड़ी अच्छी तरह से देख सकती हैं । कुछ तरह के पराबैंगनी रंग ऐसे हैं जिन्हें हम नहीं देख सकते लेकिन तितलियां देख सकती हैं । "
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