आओ चींटियों के बारे में जाने
क्या चींटियों मनुष्य से अधिक समझदार होती है ?
अनेक कीट ऐसे हैं जो बड़े ढंग का जीवन बिताते हैं । चींटी भी उन्हीं में से एक है देखने में यह एक साधारण कीट है लेकिन यदि इसके रहन-सहन को देखें तो यह मालूम होगा की चींटी मनुष्यों से भी अधिक समझदार हैं ।
वैज्ञानिक अब तक चींटियों की 2000 से अधिक प्रजातियों का अध्ययन कर चुके हैं । चींटियां विश्व के अधिकतर स्थानों पर पाई जाती हैं । चींटियां सामाजिक जीव होती हैं इसकी बहुत - सी प्रजातियां हैं उदाहरणार्थ काली चींटियां , लाल चींटियां , छोटी चींटियां व बड़ी चींटियां जिन्हें हम आम देखते हैं ।
कुछ चींटियां विशेष गुण वाली होती हैं । जैसे इंजीनियर , सैनिक , श्रमिक , बागवानी में दक्ष और इसी तरह विभिन्न क्षेत्रों में माहिर । चींटियों की अपनी रियासतें होती हैं । इसका अर्थ यह हुआ कि ये विशाल कालोनियों या दलों में रहती हैं । कुछ कालोनियों में तो कई लाख चींटियां हो सकती हैं । अधिकतर कालोनियों की बाम्बियां भूमि के नीचे या मृत पेड़ों में होती हैं ।
क्या सभी चींटियां अंडे देती हैं ?
प्रत्येक कालोनी में तीन प्रकार की चींटियां होती हैं - रानियां , जो अंडे देती हैं । नर जो कोई कार्य नहीं करते तथा काम करने वाली मादा चींटियों के झुंड । चींटियों की एक कालोनी में विभिन्न कार्यों के लिए अलग - अलग कक्ष बने हो सकते हैं। एक में रानी रहती है और अंडे देती है ।
आगामी कक्ष अंडे सेने के काम आता है जहां से अंडों में से निकले प्यूपा को विकास के लिए अन्य कमरे में ले जाया जाता है । अन्य कमरे विशेष प्रायोजनों के लिए बने होते हैं जैसे कि भोजन का संग्रह करने के लिए आदि । चींटियों की एक कालोनी में कई रानियां हो सकती हैं , जिसमें से प्रत्येक के कमरों के अपने अलग ' सैट ' होते हैं ।
कार्मिक चींटियां भोजन एकत्र करती हैं । छोटी चींटियों को भोजन खिलाती हैं । तथा घोंसला बनाती हैं । चींटियों की कुछ प्रजातियों में महिला सैनिक भी होती हैं । वे घोंसले की रक्षा करती हैं ।
चींटियां कितनी मेहनती होती है ?
ऊष्णकटिबंधीय जंगलों में चींटियों की सेना प्रतिदिन अलग - अलग स्थानों तक जाती है । हजारों चींटियां एक संकरी - सी पट्टी के रूप में आगे बढ़ती हैं और अपने रास्ते में आने वाले प्रत्येक जीव को खा जाती हैं । सैनिक चींटियां मृत जानवर की हड्डियों पर से बड़ी तेजी से सारा मांस खा सकती हैं ।
चींटियां कई कार्य कर सकती हैं । वे अपने घोंसले से बहुत दूर तक चली जाती हैं और फिर वापसी का रास्ता ढूंढ लेती हैं क्योंकि वे अपने रसायन की एक लकीर सी छोड़ती जाती हैं। चींटियां इसी रसायन का अनुसरण करते हुए एक लाइन में सीधी चलती हैं ।
चींटियों लाइन बनाकर क्यों चलती हैं ?
किसी चींटी को कहीं भोजन मिल जाता है, अगर वह भोजन बहुत भारी हो तो चींटी उसका कुछ अंश अपने मुंह में लेकर भागती है और रास्ते में आने वाली किसी अन्य चींटी को संपर्क के माध्यम से उसे उस भोजन के बारे में जानकारी देती है । इस प्रकार दूसरी चींटी तीसरी को, और तीसरी, चौथे चींटी को ऐसे करते हुए यह जानकारी पूरे झुंड में पहुंचा देती है।
चींटियां चलते समय रसायन भी छोड़ती हैं जिसका अनुसरण करते हुए सारा झुंड उस भोजन के पास पहुंच जाता है और सारी चींटियां एकजुट होकर उस भोजन को उठाकर अपने बांबी ( चींटियों का घर ) तक ले आ आती हैं । चींटियां बहुत शक्तिशाली होती हैं । वे ऐसी वस्तुओं को भी उठा सकती हैं जो उनके अपने से 50 गुणा भारी होती हैं ।
चींटियां एक दूसरे से बात कैसे करती हैं ?
चींटियों की सूंड संचार माध्यम का काम करती है । कई बार चींटियां एक - दूसरे के निकट आती हैं , अपनी सूंड मिलाती हैं और फिर अलग हो जाती हैं । यही चींटियों के इशारे के तरीके हैं , जिससे खबरें एक से दूसरे स्थान तक पहुंचती हैं । सूंडों के द्वारा ये सब कुछ कह जाती हैं ।
ये सदा व्यस्त रहती हैं । रास्ते में उनकी मुलाकात यदि किसी साथी से हो जाए तो यह सूंड के माध्यम से बता देती हैं कि खाने - पीने की चीजें कहां रखी हैं , वे किस तरह की हैं । यह खबर देखते ही देखते उनकी पूरी बिरादरी में पहुंच जाती है और सारी चींटियां आपस में मिलकर खाने की - पूरी मात्रा को अपने गोदाम में पहुंचा देती हैं ।
क्या चीटियों के कार्य बटे हुए होते हैं ?
चींटियों के परिवार में हजारों सदस्य होते हैं । परिवार की एक रानी चींटी होती है । और सभी चींटियां उसका आदेश मानती हैं । परिवार में नर - मादा के अतिरिक्त श्रमिक , शिल्पी और सिपाही आदि होती हैं । केवल रानी चींटी ही बच्चे पैदा करने का काम करती है ।
रानी चींटी यदि किसी दुर्घटना की शिकार हो जाए तो पूरा परिवार किसी दूसरे परिवार में मिल जाता है । श्रमिक चींटियों का काम भोजन जमा करने और नई पीढी की देखभाल करने का है । चींटियों में एक विशेष प्रकार की चींटी भी होती है , जो फलों का रस अपने पेट में जमा कर लेती है ।
इसके बाद वह उलटी लटक जाती है ताकि रानी चींटी और उसके बच्चे रस चाट सकें । बाग लगाने वाली चींटियां बड़ी विचित्र होती हैं । ये बड़ी सफाई से फफूंद के बाग लगाती हैं । ये बाग उनके लिए स्वादिष्ट फलों के बाग जैसे होते हैं । चींटियां उनकी रक्षा बड़ी लगन से करती हैं ।
इसी तरह इंजीनियर चींटियां अपने निवास स्थान पर एक बड़े कमरे का निर्माण करती हैं जो किसी शाही महल से कम नहीं होता है । यह महल इतना मजबूत होता है कि इसमें पानी नहीं पहुंच पाता । चींटियां अपने वजन से 300 गुना अधिक तक वजन उठा सकती हैं ।
सैनिक चींटी
सैनिक चींटियों का रहन - सहन सैनिकों जैसा होता है । ये काफिले के रूप में निकलती हैं । आगे - आगे सिपाही होते हैं और बाकी चींटियां पीछे होती हैं । रानी चींटी बीच में रहती है ताकि वह सुरक्षित रहे । इस प्रकार के काफिले में एक से डेढ़ लाख तक चींटियां होती हैं । पूरे दिन में यह काफिला 300 मीटर की दूरी तय कर कर लेता है । मलिका चींटी एक सप्ताह में लगभग 300 अंडे देती है ,
जिसे श्रमिक चींटियां बड़ी फुर्ती से रानी चींटी के शरीर से अलग करती हैं और उन्हें किसी जगह पर जमा करती हैं । दो - तीन दिन बाद इनमें से लार्वे निकल आते हैं और चलने - फिरने लगते हैं । ऐसी चींटियां भी होती हैं जो लार्वे की सुरक्षा के लिए पत्तियों का कोण बनाती हैं । चींटियां सिलाई भी बड़ी सफाई से करती हैं । प्रकृति ने चींटियों को सब कुछ सिखा दिया है ।
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