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सितारे टिमटिमाते क्यों हैं | सितारे कैसे बनते हैं | सितारे क्या होते हैं | सितारे छोटे क्यों दिखाई देते हैं ?

 सितारे बने कैसे ?


                     

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हालांकि कुछ सितारे अन्यों के मुकाबले बहुत अधिक चमकदार हैं लेकिन वे हमसे इतना अधिक दूर हैं कि हम उन्हें देख नहीं सकते । " मोहक ने पूछा , " मैम ये सितारे बने कैसे? " मैम ने जानकारी दी “ सितारा है क्या ?

 



यह चमकदार गर्म गैसों का एक विशाल गोला है । सितारों में भारी मात्रा में हाइड्रोजन होती है जो ऊर्जा का प्रमुख स्रोत है। सितारों में बहुत से अन्य रासायनिक तत्व होते हैं जैसे कि हीलियम , नाइट्रोजन , आक्सीजन , लोहा , निक्कल तथा जिंक । सितारे में ये सभी तत्व गैस के रूप में होते हैं । 




सितारे अस्तित्व में कैसे आए ? 


                                  

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ये धूल तथा गैसों के विशाल बादलों में बने जो अंतरिक्ष में घूमते रहते हैं । सितारे का बनना तब शुरू हुआ जब बड़ी संख्या में गैसीय तत्व ऐसे बादल के भीतर ही एकत्र होकर घूमने लगे । इन घूमते चक्कर लगाते हुए तत्वों ने अन्य तत्वों को आकर्षित किया तथा धीरे - धीरे इन तत्वों का समूह बड़े से बड़ा होता गया तथा इसकी गुरुत्वाकर्षण शक्ति शक्तिशाली होती गई । इन तत्वों के मिलने से गैसों का एक विशाल गोला बन गया । 





धीरे - धीरे ऐसे गोले बड़े होते गए इनके तत्वों ने इन पर नीचे की ओर दबाव डालना शुरू कर दिया तथा इस कारण इन गोलों के भीतर दबाव बन गया । आखिरकार यह दबाव इतना अधिक हो गया कि इसने गैसों के तापमान को बढ़ा दिया और वे चमकनी शुरू हो गईं । 





जब गोले के भीतर दबाव तथा तापमान बहुत अधिक हो गया तो उसकी जगह न्यूक्लियर रिएक्शंस ने लेनी शुरू कर दी जिससे गैसें सितारा बन गईं । एक सितारे के बनने में कितना समय लगता है ? इसका उत्तर है , संभवत कुछ लाख वर्ष । "





सितारे छोटे क्यों दिखाई देते हैं ?



रात को हमें लाखों सितारे आकाश में टिमटिमाते दिखाई देते हैं । वे सभी दिशाओं में अपना प्रकाश फैलाते हैं । हालांकि वे बहुत छोटे दिखाई देते हैं परंतु सच्चाई यह है कि वे बहुत बड़े होते हैं । अधिकतर सितारे हमारी पृथ्वी से कई गुणा बड़े होते हैं । वे हमें पृथ्वी से उनकी अत्यधिक दूरी के कारण छोटे दिखाई देते हैं । 





क्या आप जानते हैं कि सितारे टिमटिमाते क्यों हैं ?  



हमारी पृथ्वी हवा की एक मोटी परत से घिरी रहती है जिसे वातावरण कहा जाता है । वातावरण के पार कुछ नहीं है एक शून्य सा है वातावरण में मौजूद गैसें हमेशा सक्रिय रहती हैं । इन गैसों की सक्रियता तथा घनत्व के कारण वातावरण हर स्थान पर एक समान नहीं होता । इस तरह विभिन्न स्थानों पर वातावरण अलग तरह का होता है और इसमें परिवर्तन होता रहता है । 





सितारों से आने वाली रोशनी जब हमारे वातावरण में प्रवेश करती है हमारी आंखों तक पहुंचने से पूर्व यह कई बार अपने रास्ते से भटक जाती है क्योंकि वातावरण में परिवर्तन होते रहते हैं । अपने पथ से रोशनी के इस भटकने या कुछ समय के लिए एक माध्यम से दूसरे में चले जाने को ' रिफ्रैक्शन ' या अपवर्तन कहा जाता है । इस अपवर्तन के कारण हमारी आंखों तक पहुंचने वाली रोशनी में अंतर आ जाता है । इस भिन्नता के कारण सितारे हमें टिमटिमाते दिखाई देते हैं ।




★☆सितारे हमें केवल टिमटिमाते दिखाई देते हैं। दरअसल वह निरंतर फिर रूप में चमकते रहते हैं। वातावरण की परतें सितारों के रास्ते को बदलती रहती हैं जिस कारण वे हमें टिमटिमाते दिखाई देते हैं ।★☆




अब प्रश्न यह उठता है कि सितारों की तरह चंद्रमा , सूर्य , अन्य ग्रह क्यों नहीं टिमटिमाते ? ऐसा इसलिए है कि यदि हम उनकी तुलना सितारों से करें तो हम देखेंगे कि ये धरती के बहुत करीब हैं और इसी कारण ये सितारों की तुलना में चंद्रमा , सूर्य तथा अन्य ग्रहों द्वारा छोड़ी रोशनी अधिक बड़े कोण में हम तक पहुंचती है । 





इन बड़े कोणों के कारण हमारी आंखें सूर्य , चंद्रमा तथा अन्य ग्रहों की रोशनी के अपने रास्ते से हटने को नहीं भांप पातीं और इसी कारण ये हमें टिमटिमाते नहीं दिखाई देते ।





कुछ सितारे दूसरों से अधिक चमकदार क्यों ? 



जयंत ने पूछा , " मैम , कुछ सितारे दूसरों से अधिक चमकदार क्यों दिखाई देते हैं ? " मैम ने उत्तर दिया , “ सितारे की चमक को मैग्नीच्यूड कहा जाता है । किसी भी मैग्नीच्यूड का सितारा अपने से ऊपर के मैग्नीच्यूड वाले सितारे से अढ़ाई गुणा मद्धम होता है । छः मैग्नीच्यूड से कम चमक वाले सितारों को दूरबीन की सहायता के बिना नहीं देखा जा सकता । 





पहले मैग्नीच्यूड वाले सितारे सबसे अधिक चमकदार होते हैं और ऐसे लगभग 20 सितारे हैं जिनका मैग्नीच्यूड केवल 20 है । ' सितारे नीले रंग के सितारों से लेकर लाल रंग तक की रेंज में होते हैं । हमारे सूर्य के बारे में माना जाता है कि यह पीले रंग का है तथा यह इस श्रृंखला के मध्य में आता है । 





नीले सितारे बड़े गर्म तथा अधिक चमकदार होते हैं । उनकी सतह पर तापमान 27,750 डिग्री सेंटीग्रेड या इससे भी अधिक हो सकता है । सूर्य की चमक मध्यम है तथा इसकी सतह पर तापमान 6000 डिग्री सैंटीग्रेड है । लाल सितारे इनके मुकाबले कुछ ठंडे होते हैं जिनकी सतह का तापमान 1650 डिग्री सैंटीग्रेड या इससे कम होता है ।




 🙏दोस्तों अगर आपको यह जानकारी अच्छी लगी हो तो आप कमेंट करना ना भूलें नीचे कमेंट बॉक्स में अपनी कीमती राय जरूर दें। Discovery World Hindi पर बने रहने के लिए हृदय से धन्यवाद ।🌺



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सितारे टिमटिमाते क्यों हैं | सितारे कैसे बनते हैं | सितारे क्या होते हैं | सितारे छोटे क्यों दिखाई देते हैं ? Reviewed by Jeetender on October 19, 2021 Rating: 5

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