Icecream आइसक्रीम की शुरुआत कहां से हुई ?
अंकित ने पूछा , " मैम , आइसक्रीम कहां से आई ? अवश्य इसका जन्म इंगलैंड में हुआ होगा । क्या यह सही है ? " मैम ने जानकारी दी , " नहीं । इसका जन्म इंगलैंड में नहीं हुआ था । इसे पहली बार पूर्वी एशिया में बनाया गया था । इटली के महान खोजकर्त्ता मार्को पोलो एक ऐसे व्यक्ति थे जो यह आइडिया पूर्वी एशिया से इटली ले गए ।
इटली से यह फ्रांस पहुंची । फ्रांस में अमीर लोगों ने इसके बनाने की विधि को एक रहस्य रखने का प्रयास किया ताकि आम लोग इसे प्राप्त न कर सकें । इतनी निम्न सोच थी उनकी लेकिन सबको इसके बारे में पता चल गया और आइसक्रीम बहुत लोकप्रिय बन गई ।
शीघ्र ही यह अन्य देशों तक भी पहुंच गई । बड़ी मात्रा में आइसक्रीम बनाने के लिए पहले कारखाने की स्थापना 1851 में मैरीलैंड के बाल्टीमोर में की गई और फिर जब रैफ्रीजिरेशन का आविष्कार हुआ , तो आइसक्रीम गर्मियों में भी उपलब्ध होने लगी । "
आइसक्रीम का मजेदार सफर और उसके फायदे
लंदन के ' इंस्टीच्यूट आफ साइकिएट्रिक ' के तंत्रिकातंत्र विशेषज्ञों का कहना है कि आइसक्रीम खाने से दिमाग में अचानक हरकत बढ़ जाती है और यह हरकत सुखद अनुभव से जुड़ी होती है । इससे दिमाग के आर्बीटोफ्रंटल कार्टेक्स में तेज प्रतिक्रिया होती इससे इतनी खुशी प्राप्त होती है , जितनी सम्मान से ईनाम पाने अथवा मनपसंद गीत सुनने पर मिलती है ।
आर्बीटोफ्रंटल कार्टेक्स को दिमाग का प्रोसैसिंग क्षेत्र कहा जाता है । करीब 15 वर्ष पहले भी आइसक्रीम पर हुए एक अनुसंधान से पता चला था कि आइसक्रीम खाने से थकान उड़न - छू हो जाती है । भले ही आम धारणा यह हो कि आइसक्रीम खाना स्वास्थ्य के लिए हानिकारक है परंतु दर्जनों अनुसंधानों से यह साफ हो चुका है कि अच्छी वालिटी की आइसक्रीम हमें तरोताजा करती है और तनाव भी कम करती है ।
उल्लेखनीय है कि चीन में आज से चार हजार साल पहले आइसक्रीम अस्तित्व में आ गई थी । आइसक्रीम का जन्म वास्तव में कहां हुआ इसका कोई प्रामाणिक विवरण उपलब्ध नहीं है । माना जाता है कि एशिया ( चीन ) से आइसक्रीम यूरोप गई ।
इतालवी यात्री मार्को पोलो ने सुदूर पूर्व की यात्रा के दौरान चीन में आइसक्रीम बनाने का तरीका सीखा और घर लौट कर इटली में लोगों को इसकी जानकारी दी । रोमन सम्राट नेरो क्लोडस क्रेजर दासों को पहाड़ों पर भेज कर बर्फ मंगवाता और बर्फ से फलों के रस को ठंडा करता था ।
ब्रिटेन के राजा चार्ल्स ( प्रथम ) ने एक विशेष भोज दिया तो उसमें उसके फ्रांसीसी शेफ डी मारिको ने एक खास व्यंजन (डेजर्ट) तैयार किया । यह ठंडा , जमा हुआ , खुशबूदार - मीठा व्यंजन सभी को बहुत पसंद आया । इस पर चार्ल्स ने मारिको को बतौर इनाम 500 पौंड दिए ।
उसने मारिको से व्यंजन बनाने की पूरी विधि सीखी और उससे यह वायदा लिया कि वह अन्य किसी को इस व्यंजन अर्थात आइसक्रीम की विधि नहीं बताएगा । कुक मारिको लम्बे समय तक अपने वायदे पर कायम न रह सका और उसने एक - एक कर कइयों को आइसक्रीम बनाने का तरीका बता दिया ।
एक से दो और दो से अनेक लोगों तक पहुंच कर आइसक्रीम बनाने का तरीका सैंकड़ों लोगों तक पहुंच गया । आइसक्रीम 17 वीं शताब्दी में इंगलैंड और अठारहवीं शताब्दी में अमेरिका में सार्वजनिक हुई । 1851 में आइसक्रीम की खुली बिक्री बाल्टीमोर ( अमेरिका ) के दूध व्यापारी जेकब फैजल द्वारा प्रारंभ की गई बताई जाती है ।
इटली वासी क्रोनो ने दावा किया था कि उसने आइसक्रीम कोन का सांचा 1896 में बना लिया था और उसे पेटैंट भी करवा लिया था मगर सेंटू लुइस ( अमेरिका ) के पेस्ट्री बनाने वाले अर्नेस्ट ए हंब्री ने सन् 1904 में आइसक्रीम को कुल्फी की शक्ल में बेचना शुरू किया । उसका दावा था कि आइसक्रीम को कुल्फी के रूप में पेश करने वाला वह पहला व्यक्ति है ।
इस दावे के बाद इटली के क्रोनो की प्रतिक्रिया आई थी । हंब्री ने मक्के के भुट्टे के खोल में लपेट कर कुल्फी बेचना शुरू किया था। अमेरिका में 1904 के बाद आइसक्रीम उद्योग में शामिल हो गई। आइसक्रीम उत्पादन में आज भी अमेरिका विश्व के देशों का सिरमौर बना हुआ है ।
वहां कम से कम 9 प्रतिशत दूध या दुग्ध उत्पादों का इस्तेमाल आइसक्रीम बनाने के लिए किया जाता है । प्रारंभ में वहां प्रतिवर्ष लगभग 30 मिलियन गैलन आइसक्रीम का उत्पादन होता था । आइसक्रीम में मुख्यतः दुग्ध पदार्थ , फलों का रस या सिरप , स्वीटनर , ग्लूकोज , शर्करा , स्टेबलाइजर एवं इमल्सीफायर्स उपयोग किए जाते हैं ।
इसमें रंग यदि रासायनिक हों तो स्वास्थ्य को हानि पहुंचाते हैं । यदि मिठास के लिए सैक्रीन डाली जाए तो वह भी खतरनाक है । रासायनिक रंग और सैक्रीन अल्सर तथा कैंसर आदि पैदा करते हैं । घर में फ्रिज उपलब्ध हो तो शुद्ध और उच्च गुणवत्ता वाली आइसक्रीम घर में ही बना कर खानी चाहिए । बहुत सस्ती तथा रंगीन बाजारू आइसक्रीम खाने से बचना चाहिए ।
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