क्यों सजाया जाता है क्रिसमस ट्री
' क्रिसमस ट्री ' बनाने या सजाने का शौक अधिकांश बच्चों को होता है परंतु क्या आपने कभी यह जानने की कोशिश की है कि आखिर इस पर्व पर ' क्रिसमस ट्री ' सजाने की परंपरा कैसे और क्यों चली ?
हालांकि इस बारे में कोई स्पष्ट जानकारी तो उपलब्ध नहीं है परंतु कई ऐतिहासिक उदाहरण इस रिवाज के उद्गम की ओर इशारा करते हैं । हजारों वर्ष पूर्व लोगों का मानना था कि सदाबहार वृक्षों में कुछ जादुई शक्तियां होती हैं । कड़ाके की सर्दी में जब सारी हरियाली सूख जाती है या नष्ट हो जाती है , तब भी ये वृक्ष भरे रहते हैं ।
इसीलिए इन पेड़ों को ' जीवन ' का द्योतक माना जाता है और कहा जाता है कि ये वृक्ष संदेश देते हैं कि धूप एवं वसंत पुनः लौट कर आएंगी । इन दिनों मोमबत्तियों या बिजली वाली रंग - बिरंगी रोशनियों से क्रिसमस ट्री को सजाया जाता है । यह रोशनी भी सर्द मौसम के अंधकार के पश्चात वसंत की रंग - बिरंगी छटा के लौटने का प्रतीक होती है ।
पुरातनकालीन रोम में दिसम्बर माह में मनाए जाने वाले एक पर्व के अवसर पर जनता द्वारा अपने घरों एवं मंदिरों को हरियाली से सजाया जाता था । इस दौरान खुशनुमा माहौल होता था । किसी प्रकार के युद्ध नहीं होते थे । स्कूलों में छुट्टियां होती थीं तथा हर ओर उतस्व की चकाचौंध नजर आती थी ।
लोग एक - दूसरे को उपहार देते थे । इस परम्परा ने भी हरियाली के महत्व की सीख दुनिया को दी । आधुनिक काल में लोग घरों के अंदर भी ' क्रिसमस ट्री ' सजाने लगे हैं । इस रिवाज के पीछे भी एक दन्तकथा है । कहा जाता है कि यह रिवाज जर्मनी के एक पादरी मार्टिन लूथर द्वारा चलाया गया था ।
उनका जन्म 1483 में हुआ था तथा 1546 में उनकी मृत्यु हुई । वह एक अच्छे चर्च सुधारक भी थे । एक सर्द रात को जब वह घर लौट रहे थे तो उन्होंने पेड़ों की शाखाओं में से टिमटिमाते सितारों का सुहाना दृश्य देखा । लूथर के दिलोदिमाग में वह मंजर बस गया । घर पहुंच कर उन्होंने इसकी चर्चा अपने परिवार से की।
उन्हें उस दृश्यावली के बारे में सही ढंग से समझाने हेतु वह जंगल में गए और एक छोटा फर का पेड़ काट लाए । लूथर ने उस पेड़ को घर के अंदर लाकर मोमबत्तियों से सजाया , जिन द्वारा वह टिमटिमाते सितारों को दर्शाना चाहते थे ।
बस तभी से क्रिसमस ट्री को रोशनी से सजाने का रिवाज चल निकला और यह परम्परा जर्मनी होती हुई पूरे विश्व में फैल गई । इंगलैंड में पहली बार क्रिसमस ट्री रानी विक्टोरिया के राजकुमार एल्बर्ट के साथ विवाह के पश्चात नजर आया । चूंकि प्रिंस एल्बर्ट जर्मन थे ,
इसलिए 1841 में लंदन के निकट स्थित विंडसर कैसल में क्रिसमस ट्री सजाया गया ताकि वह अपनी मातृभूमि की याद ताजा कर सकें ।अमेरिका में क्रिसमस ट्री की परम्परा का आगमन इंगलैंड तथा जर्मनी से वहां गए आप्रवासियों के जरिए हुआ । यह बात 19 वीं शताब्दी के आरंभ की है ।
क्रिसमस ट्री का उद्गम कहीं भी हुआ हो परंतु हर उस व्यक्ति के लिए , जो क्रिसमस मनाता है , यह जगमगाता एक सुंदर सजीला वृक्ष एक सुखद अनुभूति होता है ।
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