मछली की दुकान | मुर्गे की बांग | अजीबोगरीब प्रतियोगिताएं | Best Hindi Stories
लघु कथाएं
किसी कस्बे में एक आदमी ने । मछली की दुकान खोली । वह शहर से नया - नया आया था । उसने सोचा उसे अपने माल का प्रचार करना चाहिए और इसलिए उसने एक बोर्ड लगा दिया ताजा मछली यहां से खरीदिए ।
एक दिन एक देहाती उधर से गुजरा । वह दुकान के मालिक को एक तरफ ले जाकर बोला , " बोर्ड पर से ताजा ' शब्द मिटा दो । सब जानते हैं कि तुम बासी मछली तो बेचोगे नहीं । फिर ' ताजा ' शब्द की क्या जरूरत है ? दुकानदार को बात जंच गई और उसने बोर्ड पर से ' ताजा ' शब्द मिटा दिया।
कुछ दिन बाद एक - दूसरे आदमी ने दुकानदार को ' खरीदिए ' शब्द मिटाने की सलाह दी । " सब जानते हैं कि दुकान पर मुफ्त में तो मछली मिलेगी नहीं , उसके पैसे तो चुकाने ही होंगे । फिर ' खरीदिए ' शब्द की क्या जरूरत ? " उसका तर्क था । दुकानदार ने ' खरीदिए ' शब्द भी मिटा दिया ।
थोड़े दिनों में एक परिचित बुजुर्ग ने उसे यहां से ' शब्दों को हटाने की सलाह दी । " अरे भाई , मछली ' यहां से ' ही खरीदी जाएगी , कहीं और से थोड़े ही खरीदी जाएगी " , उन्होंने दुकानदार का मजाक उड़ाते हुए कहा । दुकानदार ने उनका मान रखते हुए बोर्ड पर से ' यहां से ' शब्दों को भी मिटा दिया । अब बोर्ड पर एक ही शब्द बाकी रहा ' मछली ' “ शुक्र है । अब कोई भी इस बोर्ड में कोई दोष नहीं निकाल सकेगा । " दुकानदार ने चैन की सांस लेते हुए सोचा । मगर उसका ख्याल गलत था ।
एक दिन स्कूल से लौट रही एक छोटी - सी बच्ची उससे बोली , " आपने यह बोर्ड क्यों । लगा रखा है ? जो भी यहां से गुजरता है , उसे खुद - ब - खुद मछली की गंध आ जाती है । फिर ... "इस बोर्ड की ही क्या जरूरत है ? है न ? " दुकानदार ने लड़की की बात पूरी करते हुए कहा और बोर्ड को उतार कर दूर फैंक दिया ।
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मुर्गे की बांग
गर्मी का मौसम अपनी चरम सीमा पर था और हर कोई गर्मी से त्रस्त था कुछ लोग सूरज की और मुक्के भी तानने लगे इससे सूरज बहुत नाराज हो गया और दुनिया से दूर चला गया। धरती ठंडी हो गई और अंधेरा छा गया। लोगों ने सूरज से माफी मांगी और वापस आने की प्रार्थना की लेकिन उसने इंकार कर दिया। पक्षियों ने अपना दूत भेजने का फैसला किया और इस काम के लिए मुर्गे को चुना गया।
मुर्गा सूरज के पास गया और आकाश में उसकी अनुपस्थिति से लोगों को होने वाली परेशानियों के बारे में बताया। लेकिन सूरज टस से मस ना हुआ। "मैं आकाश के आर-पार कभी भी नहीं जाऊंगा।" उसने कहा, "यह बात तुम सभी लोगों को बता सकते हो।"
" इसका मतलब मुझे अंधेरे में ही घर लौटना पड़ेगा हार मानते हुए मुर्गे ने कहा, "मुझे पक्का विश्वास है कि जंगल में बिल्ली मेरा इंतजार कर रही होगी। यदि वह मुझ पर हमला करेगी तो मैं जोर से बांग दूंगा, कृपया मेरी रक्षा के लिए अवश्य आना।"
मुर्गा कुछ दूर गया और पूरी ताकत से बांग देने लगा। सूरज तेजी से बाहर निकला। वह मुर्गे की तलाश में आकाश के आर-पार चक्कर लगा आया लेकिन वह पक्षी कहीं दिखाई नहीं दीया। मुर्गा कहीं छुप गया था। आज भी भोर में मुर्गे की बांग सुनकर सूरज का बाहर निकलना जारी है। वह उसकी खोज में दुनिया के आर-पार चक्कर लगाता है लेकिन उसे खोज नहीं पाता।
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अजीब प्रतियोगिताएं
प्रतियोगी स्पर्धा में हिस्सा लेते थे । पांच पौंड की एक ईंट को वे पूरी ताकत से फेंकते थे । जो व्यक्ति अधिक दूर तक ईंट फैंकता था , उसे विजेता घोषित किया जाता था । आगे चल कर स्ट्राऊड नामक दो अन्य नगर जिसमें से एक आस्ट्रेलिया और दूसरा कनाडा का था ,
वे भी इस आयोजन में शरीक हुए । आस्ट्रेलिया स्थित स्ट्राऊड बेलन बनाता था । अत : उसने 1962 से महिलाओं के लिए बेलन फैंकने की स्पर्धा की शुरूआत की । इस प्रतियोगिता में इस्तेमाल होने वाले बेलन का वजन दो पौंड था । यह प्रतियोगिता हर वर्ष जुलाई महीने के तीसरे शनिवार को प्रत्येक नगर में होती है ।
आगे चल कर परिणामों का मिलान करके विजेता का चयन होता है । ईंट फैंक प्रतियोगिता का वर्तमान कीर्तिमान 142 फुट 6 इंच का है । यह कीर्तिमान पिछले 30 वर्षों से अबादित है तथा रोलिंगपिन का रिकार्ड है 156 फुट 4 इंच ।
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